इंडिया न्यूज: (The existence of Kali temple in danger due to the mining) बागेश्वर के काण्डा स्थित प्रसिद्ध मां कालिका मंदिर क्षेत्र में हो रहे खड़िया खनन से शंकराचार्य द्वारा स्थापित मंदिर में मां काली का शक्तिपीठ लगभग दो इंच तक खिसक गया है।
उत्तराखंड में एक बार फिर खनन के चलते इसका प्रभाव दिखने लगा है। बता दें, बागेश्वर के काण्डा स्थित प्रसिद्ध मां कालिका मंदिर क्षेत्र में हो रहे खड़िया खनन का प्रभाव अब दिखने लगा है। शंकराचार्य द्वारा स्थापित इस मंदिर में मां काली का शक्तिपीठ लगभग दो इंच तक खिसक गया है। इसके साथ ही मंदिर के तल में दरार दिखने लगी है। वहीं बागेश्वर के काण्डा में मां कालिका का प्रसिद्ध मंदिर है। जिसकी स्थापना शंकराचार्य ने 10वीं सदी में की थी। इसके बाद में स्थानीय लोगों ने आपस में सहयोग से इस मंदिर का निर्माण करवाया। पर्यटन विभाग ने भी इसका निर्माण कराकर यहां विशाल मंदिर की स्थापना की।
ग्रामीणों ने बताया कि क्षेत्र में खान मालिकों द्वारा अवैध तरीके से खनन किया जा रहा है। क्षेत्र में रात दिन मशीनें खनन क्षेत्र से लगी हुई हैं, जबकि यहां पर प्रशासन व शासन द्वारा खनन की अनुमति ही नहीं देनी चाहिए थी। अगर इस खनन को बंद नहीं किया गया और मंदिर के सुरक्षा के रोकथाम के उपाय नहीं किए गए तो मंदिर समेत काण्डा के कई मकानों में खतरा बना हुआ है। डीएम ने क्षेत्र की स्थिति देखने के बाद तुरंत खनन क्षेत्र में जेसीबी के प्रयोग पर भी रोक के आदेश दिए। साथ ही इसकी जांच के साथ ही सुरक्षा उपाय के लिए हर संभव प्रयास किए जाने का आश्वासन दिया है। जाएंगे।