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Chaitra Navratri 2023: आज चैत्र नवरात्रि का आठवां दिन, ऐसे करें महागौरी की आराधना, इन मंत्रो का करे उच्चारण

• LAST UPDATED : March 29, 2023

इंडिया न्यूज: (Today is the eighth day of Chaitra Navratri) नवरात्रि के आठवें दिन महागौरी की पूजा का विधान होता है। मां के इस स्वरुप की पूजा करने से आलौकिक सिद्धियों की प्राप्ति होती है। साथ ही सभी असंभव कार्य भी संभव होने लगते हैं।

खबर में खास:-

  • नवरात्रि के आठवें दिन महागौरी की पूजा का विधान
  • ऐसे पड़ा इनका नाम महागौरी
  • महागौरी के पूजा से लाभ
  • मां महागौरी की पूजन विधि
  • इन मंत्रो का करें उच्चारण

आठवें दिन महागौरी की पूजा की जाती

आज चैत्र शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि है। आज के दिन मां दुर्गा की आठवीं शक्ति महागौरी की पूजा की जाती हैं। मां की गौरता की उपमा शंख, चंद्र और कुंद के फूल से की गई है। इसके साथ ही इनकी आयु आठ वर्ष की मानी हुई है। महागौरी के समस्त वस्त्र और आभूषण भी श्वेत हैं। वृषभ पर सवार मां की चार भुजाएं हैं जिसमें ऊपर के दाहिने हाथ में अभय मुद्रा और नीचे वाले दाहिने हाथ में त्रिशूल धारण किए हुए है। महागौरी के ऊपर वाले बाएं हाथ में डमरू है और नीचे के बाएं हाथ में वर मुद्रा है और इनकी मुद्रा बेहद अत्यंत शांत है। आज का दिन बहुत ही विशेष है। तो आइए जानते हैं की महागौरी की पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, भोग और शुभ रंग के बारे में।

ऐसे पड़ा इनका नाम महागौरी

हिन्दु मान्यता के अनुसार मां पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए बड़ी ही कठोर तपस्या की थी। ये भी कहा जाता है कि गोस्वामी तुलसीदास जी के अनुसार भी इन्होंने भगवान शिव के वरण के लिए अत्यंत कठोर संकल्प लिया था।इस कठोर तपस्या के दौरान मां हजारों वर्षों तक निराहार रहीं, जिस कारण इनका शरीर काला पड़ गया था। मां नहागौरी की तपस्या से प्रसन्न और संतुष्ट होकर जब भगवान शिव ने इनके शरीर को देखा तो फिर गंगा जी के पवित्र जल से उन्होंने मलकर धोया तब बह विद्युत प्रभा के समान अत्यंत कांतिमान-गौर हो उठा और तभी से उनका नाम महागौरी पड़ गया।

महागौरी के पूजा से लाभ

मां महागौरी का ध्यान-स्मरण, पूजन-आराधना करने से आलौकिक सिद्धियों की प्राप्ति होती है। ये सभी भक्तों के कष्ट जल्दी ही दूर कर देती हैं एवं इसके साथ ही उपासना से असंभव कार्य भी संभव होने लगते हैं। ये मनुष्य की वृतियों को सत की ओर प्रेरित करके असत का विनाश करती हैं। महागौरी भक्तों के लिए देवी अन्नपूर्णा का स्वरूप हैं इस वजह से अष्टमी के दिन कन्याओं के पूजन का भी विधान है। ये धन, वैभव और सुख-शांति की अधिष्ठात्री देवी हैं।

मां महागौरी की पूजन विधि

नवरात्रि के आठवें दिन स्नान आदि से निवृत्त होकर महागौरी का स्मरण करें। उसके पश्चात कलश पूजन कर मां की विधि-विधान से पूजा करें। ध्यान रहे इस दिन मां को सफेद पुष्प अर्पित किए जाते हैं। उसके साथ ही मां की वंदना मंत्र का उच्चारण करें। मां को हलुआ, पूरी, सब्जी, काले चने और नारियल बेद पंसद है इसलिए आज के दिन मां को इन सब का भोग लगाएं। महागौरी को चुनरी अर्पित करें। अगर आपके घर अष्टमी पूजने का विधान है तो आप पूजा के बाद कन्याओं को भोजन भी करा सकते हैं ये शुभ फल देने वाला माना गया है।

इन मंत्रो का करें उच्चारण

श्वेते वृषे समरूढा श्वेताम्बराधरा शुचिः।
महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा।।

या

श्वेते वृषे समरूढा श्वेताम्बराधरा शुचिः।
महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा।।

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