India News(इंडिया न्यूज़), हरिद्वार “Haridwar News” : हरिद्वार में चल रहे विश्व हिंदू परिषद की केंद्रीय मार्गदशक मंडल की बैठक आयोजित की गई। जिसमें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शामिल होने के लिए हरिद्वार पहुंचे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में समान नागरिक संहिता कानून जल्द ही लागू किया जाएगा।
आज कनखल (हरिद्वार) स्थित श्री कृष्ण निवास आश्रम में विश्व हिन्दू परिषद द्वारा आयोजित केन्द्रीय मार्गदर्शक मण्डल के बैठक सत्र का दीप प्रज्ज्वलन कर शुभारम्भ किया। इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों से पधारे धर्माचार्यों एवं सन्त-महात्माओं का स्वागत व अभिनंदन करते हुए उनका आशीर्वाद… pic.twitter.com/aPxrNYixPq
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) May 26, 2023
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कनखल (हरिद्वार) स्थित श्री कृष्ण निवास आश्रम में विश्व हिन्दू परिषद द्वारा आयोजित केन्द्रीय मार्गदर्शक मण्डल के बैठक सत्र का दीप प्रज्ज्वलन कर शुभारम्भ किया। इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों से पधारे धर्माचार्यों एवं सन्त-महात्माओं का स्वागत व अभिनंदन करते हुए उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक बार फिर से अवैध मजारों को बड़ा बयान दिया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि लैंड जिहाद बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि उत्तराखंड का वातावरण दूषित नहीं होने दिया जाएगा। कहा कि उत्तराखंड में अवैध धार्मिक स्थलों और संरचनाओं को पूरी तरह साफ करने तक कार्रवाई जारी रहेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि 30 जून को विशेषज्ञ समिति समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट सौंपेगी। कहा कि जल्द ही प्रदेश में एक सशक्त कानून लागू किया जाएगा।
हरिद्वार में चल रही विश्व हिंदू परिषद की केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल बैठक में कई सामाजिक और धार्मिक विषयों पर मंथन किया जा रहा है। बैठक में संतों द्वारा देशभर में बढ़ते धर्मांतरण मामलों को लेकर चिंता जताई गई है। संतों का कहना है कि धर्मांतरण को रोकने के लिए सरकारों को प्रभावी कानून बनाने चाहिए। इसके साथ ही दिवाली से 15 दिन पहले देशभर में धर्मांतरण और घर वापसी को लेकर अभियान चलाया जाएगा।
अभियान में सभी प्रमुख संत प्रतिभाग करेंगे। संतों ने वेब सीरीज और सोशल मीडिया पर परोसी जा रही अश्लीलता पर भी जमकर रोष जताया। उन्होंने हिंदू धर्म को लेकर सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही भ्रांतियों का तार्किक ढंग से विरोध करने पर जोर दिया। बैठक में 350 संतों और 70 साध्वी धर्माचार्याें ने प्रतिभाग किया।