India News(इंडिया न्यूज़), हरिद्वार “ Haridwar News” : हरिद्वार के दक्षेश्वर महादेव मंदिर, ऋषिकेश के नीलकंठ महादेव मंदिर और देहरादून के टपकेश्वर महादेव मंदिर में मर्यादित कपड़े पहन कर आने के निर्देशो के बाद अब मंदिरों में इसको लेकर बोर्ड और बैनर भी लगा दिए गए हैं।
Uttarakhand | I made an appeal that women and girls should not wear short clothes and enter the temples. This has been appreciated by the women. Posters and banners have also been put up at several temples so that people follow this guideline. If people do not follow these… pic.twitter.com/jotuKqKzZG
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) June 8, 2023
हरिद्वार के दक्षेश्वर महादेव मंदिर के द्वार पर मंदिर में आने वाले भक्तों से मर्यादित कपड़े पहन कर आने की अपील की गई है। बैनर पर साफ लिखा है कि महिला कटी फटी जींस, मिनी स्कर्ट और नाइट शूट जैसे परिधान पहन कर मंदिर में ना आएं। साथ ही पुरुषो को भी शालीन कपड़े पहनकर आने की अपील की गई है। आपको बता दें की महानिर्वाणि अखाड़े के सचिव महंत रविन्द्र पुरी ने धर्म स्थलों की गरिमा और पवित्रता बनाए रखने के लिए लोगों से अपील की थी जिसके बाद अब मंदिर में लिखित सूचना भी लगा दी है हुए।
महानिर्वाणी अखाड़े ने कहा है कि यदि स्त्री-पुरुष मंदिरों में दर्शन के लिए आ रहे हैं तो उनका 80 प्रतिशत शरीर ढका रहना चाहिए। सभी को मर्यादा का ख्याल रखना चाहिए। प्रत्येक धार्मिक स्थल की अपनी एक मान्यताएं और मर्यादाएं होती हैं। उसी माहौल के अनुरूप आचरण और वेशभूषा होनी चाहिए। इसके साथ ही पर्यटन और धार्मिक यात्रा के फर्क को समझना होगा। उन्होंने कहा यदि कोई स्वाभाविक रूप से धार्मिक स्थल की यात्रा पर जा रहे हैं तो आपकी वेशभूषा मर्यादित होनी चाहिए। यह उन धार्मिक स्थलों के लाखों-करोड़ों लोगों की आस्था जुड़ा विषय है।
राज्य के तीन मंदिरों में महिलाओं और लड़कियों के लिए ड्रेस कोड लागू किया गया है। महानिरवाणी आखर के अंतर्गत आने वाले तीन मंदिरों में महिलाएं और लड़कियां छोटे कपड़े पहनकर प्रवेश नहीं कर सकती हैं। मंदिरों में हरिद्वार के कनखल में दक्ष प्रजापति मंदिर, पौड़ी में नीलकंठ महादेव मंदिर और देहरादून में टपकेश्वर महादेव मंदिर शामिल हैं। धार्मिक स्थलों की मान्यता से छेड़छाड़ करने का किसी को भी अधिकार नहीं है। मर्यादित आचरण, व्यवहार और वस्त्र पहनकर ही वहां जाना चाहिए।