India News(इंडिया न्यूज़) चमोली “Hemkund Sahib”: जब भी धरती पर सुंदरता की बात आती है तो सबसे पहला नाम कश्मीर का ही आता है, लेकिन भारत में कुछ ऐसी जगहें भी है जो किसी जन्नत से कम नहीं और ये जन्नत कश्मीर नहीं बल्कि कोई और जगह है।
आज हम बात कर रहे हैं उत्तराखंड की। यूं ही उत्तराखंड को देवभूमि नहीं कहा जाता। चारधाम बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के अलावा यहां कई प्रसिद्ध तीर्थस्थल स्थित हैं, जहां हर साल श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहता है। इन्हीं में से एक है चमोली जिले में 15225 फीट की ऊंचाई पर स्थित है प्रसिद्ध हेमकुंड साहिब। हेमकुंड की यात्रा रोमांच से भरी होती है और यहां आसपास कई ऐसे पर्यटक स्थल भी हैं, जो बरबस ही पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।
श्री हेमकुंड साहिब अपनी सुंदरता के लिए जाना जाता है और यह देश के सबसे महत्वपूर्ण गुरुद्वारों में से एक हैं। बता दें, गुरुद्वारे के पास ही एक सुंदर सरोवर है। जिस पवित्र जगह को अमृत सरोवर अर्थात अमृत का तालाब कहा जाता है।
यह सरोवर लगभग 400 गज लंबा और 200 गज चौड़ा है। चारों तरफ से हिमालय की सात चोटियों से घिरा हुआ यह सरोवर रंग वायुमंडलीय स्थितियों के अनुसार अपने आप बदल जाता है। कुछ समय वे बर्फ सी सफेद, कुछ समय सुनहरे रंग की, तो कभी लाल रंग की और कभी-कभी भूरे नीले रंग की दिखती हैं।
कहा जाता है कि इस पवित्र तीर्थस्थल की खोज 1934 में हुई थी। जब क्षेत्र के इतिहासकार और पर्यटक विशेषज्ञ पूर्व मंत्री केदार सिंह फोनिया की डिवाइन हेरिटेज ऑफ हेमकुंड साहिब एंड वर्ल्ड हेरिटेज ऑफ वैली ऑफ फ्लावर किताब के मुताबिक 1930 के दशक में पत्रकार तारा सिंह नरोत्तम बदरीनाथ यात्रा पर आए थे। उन्होंने पांडुकेश्वर से यहां जाकर इसकी खोज की और अपने लेखों के माध्यम से पंजाब के निवासियों को हेमकुंड साहिब को लेकर जानकारी दी।
1934 में सेना के हवलदार मोदन सिंह ने यहां आकर गुरुवाणी में लिखी पंक्तियों से इस तीर्थ का मिलान किया। जिसके बाद साल 1937 में यहां पर यात्रा शुरू हुई। श्री हेमकुंड साहिब ट्रस्ट के मुख्य प्रबंधक सरदार सेवा सिंह ने बताया कि हेमकुंड साहिब में पहला गुरुद्वारा 1936 में बनाया गया था, जबकि साल 1937 में गुरु ग्रंथ साहब की पहली अरदास हुई थी।
मान्यता है कि सिक्खों के 10वें गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की तपस्थली है श्री हेमकुंड साहिब। इसको सबसे कठिन तीर्थ यात्रा भी कहा जाता है। क्योंकि करीब 15 हज़ार 200 फ़ीट ऊंचे ग्लेशियर पर स्थित श्री हेमकुंड साहिब चारों तरफ से ग्लेशियर (हिमनदों) से घिरा हुआ हैं। मान्यता है कि यहां पर श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने बरसों तक महाकाल की आराधना की थी। यही वजह है कि सिक्ख समुदाय की इस तीर्थ में अगाध श्रद्धा है और वे तमाम दिक्क्तों के बावजूद यहां पहुंचते हैं और हर साल श्रद्धालुओं का सैलाब यहां उमड़ता है।
हेमकुंड एक संस्कृत नाम है जिसका अर्थ है – हेम (“बर्फ”) और कुंड ( “कटोरा”) है. दसम ग्रंथ के अनुसार, यह वह जगह है जहां पांडु राजा अभ्यास योग करते थे। इसके अलावा दसम ग्रंथ में यह कहा गया है कि जब पाण्डु हेमकुंड पहाड़ पर गहरे ध्यान में थे तो भगवान ने उन्हें सिख गुरु गोबिंद सिंह के रूप में यहाँ पर जन्म लेने का आदेश दिया था।
सिखों के पवित्र धाम हेमकुंड साहिब के कपाट आगामी 25 मई को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। हेमकुंड साहिब प्रबंध समिति के अध्यक्ष नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा की मौजूदगी में हुई समिति की बैठक में 20 मई को हेमकुंड साहिब के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोलने का निर्णय लिया गया।
हेमकुंड के लिए टेक-ऑफ प्वाइंट ऋषिकेश से 275 किलोमीटर दूर गोविंदघाट का शहर है। यहाँ से 13 किलोमीटर की दूरी पर घंगारिया गाँव तक काफी हद तक अच्छी तरह से बनाया गया पथ है। वहां एक और गुरुद्वारा है जहां तीर्थयात्री रात बिता सकते हैं। इसके अलावा वहाँ कुछ होटल तंबू और गद्दे के साथ एक कैम्प का ग्राउंड हैं यहाँ से 6 किलोमीटर की पत्थर के रास्ते पर एक 1,100 मीटर (3,600 फीट) की चढ़ाई हेमकुंड की ओर बढ़ती है हेमकुंड में रात्री विश्राम की कोई व्यवस्था नही है इसलिए यह जरूरी है की दोपहर को 2 बजे तक निकल कर रात को गोविंदघाट वापस आया जा सके ।
Also Read: Premchand Aggarwal Case: युवक की पिटाई मामले में कैबिनेट मंत्री समेत चार पर मुकदमा दर्ज
ertertee
India News UP (इंडिया न्यूज़), CM Yogi: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिक्षा…
India News UP (इंडिया न्यूज़), UP News: उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले में एक चौंकाने…
India News UP (इंडिया न्यूज़), Lucknow Rape Case: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से एक…
India News UP (इंडिया न्यूज़), Allahabad High Court: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कांग्रेस पार्टी के 99…
India News UP (इंडिया न्यूज़), Bahraich News: उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में भेड़ियों का…