इंडिया न्यूज: (Maa Bal Sundari’s dola arrived at Chaiti fair with music) आज तड़के मां बाल सुंदरी देवी का डोला धूम धड़ाके के साथ पुलिस की कड़ी चौकसी में नगर मंदिर से चैती मंदिर पहुंचा। बताते चलें मां बाल सुंदरी देवी का डोला नगर मंदिर से चलकर शहर के विभिन्न मार्गों से होता हुआ 5 किलोमीटर दूरी तय कर चैती मंदिर ले जाया गया था।
काशीपुर में प्रत्येक वर्ष की तरह इस बार भी चैत्र मास में लगने वाले उत्तर भारत के प्रसिद्ध मेले में शुमार चैती मेले का आयोजन किया गया। जिसके चलते आज तड़के मां बाल सुंदरी देवी का डोला गाजे और धूम धड़ाके तथा ढोल नगाड़ों की थाप पर झूमते हुए श्रद्धालुओं की भक्ति के बीच निकाला गया। पुलिस की कड़ी सुरक्षा में मां बाल सुंदरी देवी का डोला नगर मंदिर से चलकर शहर के विभिन्न मार्गों से होता हुआ 5 किलोमीटर दूरी तय कर चैती मंदिर पहुंचा। इस दौरान पुलिस प्रशासन की तरफ से सुरक्षा के खास इंतजाम किए गए थे।
बता दें, इस बार मां बाल सुंदरी देवी का डोला पूर्व के वर्षों की भांति धूमधाम के साथ नगर मंदिर से चैती मंदिर के लिए रवाना हुआ। मां बाल सुंदरी की स्वर्ण प्रतिमा को लेकर गाजे- बाजे एवं ढोल नगाडों के साथ सहायक प्रधान पंडा मनोज कुमार अग्निहोत्री मां के नगर मंदिर मोहल्ला पक्काकोट से हजारों भक्तों की भीड़ के साथ पालकी रूपी डोले में लेकर चैती मेला भवन पहुंचे। मां बाल सुंदरी की स्वर्ण प्रतिमा मां के भवन में पहुंचते ही भक्तों की भीड प्रसाद चढाने के लिए चैती मेले में उमड पड़ी। मां बाल सुंदरी पांच दिन चैती मंदिर में विराजमान रहने के बाद वापस धूम-धडाके के साथ 4 और 5 अप्रैल की मध्यरात्रि वापस नगर मंदिर के लिए प्रस्थान करेंगी।
मां को नगर मंदिर से लेकर चैती मंदिर पहुंचे सहायक प्रधान पंडा मनोज कुमार अग्निहोत्री ने बताया कि मां बाल सुंदरी देवी का डोला नगर मंदिर से चैती मंदिर के लिए प्रस्थान करने से पूर्व मां की स्वर्णिम प्रतिमा को बीती शाम 4 बजे से रात्रि में 12 बजे तक मां बाल सुंदरी देवी मोहल्ला पक्का कोट स्थित नगर मंदिर में सार्वजनिक दर्शनों के लिए सुलभ थीं। इस दौरान स्थानीय तथा दूरदराज से आये मां के भक्तों ने मां के दर्शन किये। रात्रि 12 बजे कलश स्थापना होकर हवन पूजन के साथ सांकेतिक बलि दी गयी। इसके बाद माँ का डोला तड़के सुबह 3 बजे नगर मंदिर से चलकर सवा 4 बजे चैती मंदिर भवन में विराजमान हुईं।
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