India News (इंडिया न्यूज़) Lord Kalki: आज पीएम मोदी ने उत्तर प्रदेश के संभल जिले में भगवान कल्कि के मंदिर का शिलान्यास किया। इस दौरान उनके साथ कांग्रेस से 6 साल के लिए निष्काषित नेता आचार्य प्रमोद भी मौजूद रहें। बता दे आचार्य प्रमोद ने ही पीएम मोदी को इसके लिए आमंत्रण दिया था। पुराणों के अनुसार भगवान विष्णु के अंतिम अवतार को कल्कि नाम से जाना जाएगा। पुराणों इसके बारे में बताया गया है कि जब कलयुग में पाप हद से ज्यादा बाद जायेगा तब भगवान कल्कि अवतार लेंगे।
भगवान कल्कि विष्णु के 10वें अवतार होंगे, जिनका अवतार होना अभी बाकी है। कल्कि पुराण के अनुसार कलियुग में जब पाप बढ़ जाएंगे, चारों ओर अंधकार हो जाएगा और धर्म संकट में पड़ जाएगा, तब भगवान विष्णु कल्कि के रूप में पृथ्वी पर अवतार लेंगे। कल्कि पुराण के अनुसार सावन माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को भगवान विष्णु संभल में अवतार लेंगे।
कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने संभल में भव्य कल्कि मंदिर बनाने का संकल्प लिया था। अब कल्कि पीठ मंदिर का निर्माण हो रहा है। संभल में बन रहे कल्कि मंदिर और अयोध्या में बन रहे राम मंदिर में कई समानताएं हैं। मसलन, कल्कि मंदिर भी उन्हीं गुलाबी पत्थरों से बनेगा, जिनसे अयोध्या में रामलला का मंदिर बना है। भगवान कल्कि का मंदिर 5 एकड़ में फैला होगा। शिखर की ऊंचाई 108 फीट होगी और मंदिर का मंच 11 फीट की ऊंचाई पर बनाया जाएगा।
500 साल पहले संभल में भगवान कल्कि का मंदिर हुआ करता था, लेकिन उस मंदिर को तोड़कर वहां मस्जिद बना दी गई। बाबर ने इस मस्जिद को बनवाया था, जिसने भारत में मुगल वंश की नींव रखी थी। बहुत कम लोग जानते हैं कि मुगल शासक बाबर ने अपने जीवनकाल में कुल तीन मस्जिदें बनवाई थीं। जिसमें अयोध्या की बाबरी मस्जिद, पानीपत की काबुली बाग मस्जिद और संभल की शाही जामा मस्जिद शामिल है।
इतिहासकारों के मुताबिक, बाबर ने पानीपत की पहली लड़ाई में इब्राहिम लोदी पर अपनी जीत की याद में वहां काबुली बाग मस्जिद बनवाई थी। उन्होंने इस मस्जिद का नाम अपनी पत्नी काबुली बेगम के नाम पर रखा। इसी तरह अयोध्या में राम मंदिर को तोड़कर वहां बाबरी मस्जिद बनाई गई। तीसरी मस्जिद सम्भल में बनाई गई।
संभल में जिस स्थान पर शाही जामा मस्जिद बनाई गई थी, वहां भगवान कल्कि का मंदिर (कल्कि मंदिर) हुआ करता था। इतिहासकारों के अनुसार, वर्ष 1528 में बाबर के आदेश पर उसके वफादार मीर बेग ने कल्कि मंदिर को नष्ट कर दिया और मंदिर के अवशेषों पर एक मस्जिद का निर्माण कराया। आज भी कल्कि मंदिर की दीवार और अन्य चीज़ों पर मंदिर के अवशेष दिखाई देते हैं।
श्रीमद्भागवत गीता के 12वें स्कंद में भगवान विष्णु के कल्कि अवतार का भी उल्लेख किया गया है और बताया गया है कि कलियुग के अंत और सत्ययुग के संगम पर भगवान विष्णु कल्कि के रूप में अवतार लेंगे। ऐसा कहा जाता है कि जब बृहस्पति, सूर्य और चंद्रमा एक साथ पुष्य नक्षत्र में प्रवेश करेंगे, तब विष्णुयशा नामक ब्राह्मण परिवार के घर में भगवान कल्कि का जन्म होगा। वह सफेद घोड़े पर सवार होंगे और 64 कलाओं से सुसज्जित होंगे।
शम्भल ग्राम मुख्यस्य ब्राह्मणस्य महात्मनाः।
भवने विष्णुयशासः कल्किः प्रादुर्भविष्यति॥
इसका मतलब यह है कि शंभल गांव में विष्णुयश नाम का एक ब्राह्मण महात्मा होगा, जो बहुत उदार हृदय का होगा। इन ब्राह्मणों के घर भगवान कल्कि अवतार लेंगे।
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