India News (इंडिया न्यूज),Mathura Shri Krishna Janmabhoomi & Shahi Idgah Case: हाईकोर्ट ने शाही ईदगाह ट्रस्ट और यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की याचिकाओं को निस्तारित किया। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सिविल जज के फैसले के खिलाफ मथुरा के जिला जज को नए सिरे से सुनवाई कर आदेश पारित करने का आदेश दिया। सभी पक्षकारों को मथुरा के जिला जज के यहां नए सिरे से अपनी दलीलें पेश करनी होगी। 13.37 एकड़ कटरा केशव देव की जमीन को श्रीकृष्ण विराजमान के नाम घोषित किए जाने की मांग है।
कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद 17 अप्रैल को फैसला सुरक्षित कर लिया था। याचिका में 20 जुलाई 1973 के फैसले को रद्द करने और 13.37 एकड़ कटरा केशव देव की जमीन को श्रीकृष्ण विराजमान के नाम घोषित किए जाने की मांग है। मथुरा का यह विवाद कुल 13.37 एकड़ जमीन पर मालिकाना हक से जुड़ा है. दरअसल,श्रीकृष्ण जन्मस्थान के पास 10.9 एकड़ जमीन का मालिकाना हक है जबकि ढाई एकड़ जमीन का मालिकाना हक शाही ईदगाह मस्जिद के पास है। हिंदू पक्ष शाही ईदगाह मस्जिद को अवैध तरीके से कब्जा करके बनाया गया ढांचा बताता है। हिंदू पक्ष का इस जमीन पर भी दावा है।
बता दें कि जस्टिस प्रकाश पाडिया की सिंगल बेंच ने यह फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने पूरे केस को मथुरा के जिला जज को रिमांड बैक कर दिया है। सिविल कोर्ट ने जिस सिविल सूट को खारिज कर दिया था। उस फैसले के खिलाफ श्रीकृष्ण विराजमान ने जिला जज के यहां रिवीजन अर्जी दाखिल की थी। जिला जज ने सिविल कोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया था और फिर से सुनवाई का आदेश पारित किया था। जिला जज के इसी आदेश को ईदगाह ट्रस्ट कमेटी और सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।