India News(इंडिया न्यूज़), उत्तराखंड “Uttarakhand News” : मंदिरों में मर्यादित कपड़े को लेकर उत्तराखंड में आवाज तेज होने लगी थी। जिसके चलते श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बयान देते हुए कहा कि प्रत्येक धार्मिक स्थल की अपनी परंपरा और मर्यादा होती है। उन्होंने कहा कि मर्यादित आचरण करना चाहिए और मर्यादित वस्त्र पहनकर आना चाहिए।
उनसे सवाल पूछने पर महानिर्वाणी अखाड़े ने कहा है कि यदि स्त्री-पुरुष मंदिरों में दर्शन के लिए आ रहे हैं तो उनका 80 प्रतिशत शरीर ढका रहना चाहिए। सभी को मर्यादा का ख्याल रखना चाहिए। अजेंद्र ने कहा कि प्रत्येक धार्मिक स्थल की अपनी एक मान्यताएं और मर्यादाएं होती हैं। उसी माहौल के अनुरूप आचरण और वेशभूषा होनी चाहिए। इसके साथ ही पर्यटन और धार्मिक यात्रा के फर्क को समझना होगा। उन्होंने कहा यदि कोई स्वाभाविक रूप से धार्मिक स्थल की यात्रा पर जा रहे हैं तो आपकी वेशभूषा मर्यादित होनी चाहिए। यह उन धार्मिक स्थलों के लाखों-करोड़ों लोगों की आस्था जुड़ा विषय है।
महानिर्वाणी अखाड़ा के सचिव श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने कहा कि राज्य के तीन मंदिरों में महिलाओं और लड़कियों के लिए ड्रेस कोड लागू किया गया है। महानिरवाणी आखर के अंतर्गत आने वाले तीन मंदिरों में महिलाएं और लड़कियां छोटे कपड़े पहनकर प्रवेश नहीं कर सकती हैं। मंदिरों में हरिद्वार के कनखल में दक्ष प्रजापति मंदिर, पौड़ी में नीलकंठ महादेव मंदिर और देहरादून में टपकेश्वर महादेव मंदिर शामिल हैं। धार्मिक स्थलों की मान्यता से छेड़छाड़ करने का किसी को भी अधिकार नहीं है। मर्यादित आचरण, व्यवहार और वस्त्र पहनकर ही वहां जाना चाहिए।
वहीं, उनके द्वारा कहा गया कि बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति की संपत्ति पर राज्य में और राज्य से बाहर अतिक्रमण और अवैध कब्जे हैं। 188 लोगों को इसको लेकर नोटिस जारी कर दिए गए हैं। साथ ही उन्हें परिसंपत्तियों को शीघ्र खाली करने की चेतावनी जारी कर दी गई है। ऐसा न करने पर उनके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। जिन लोगों ने मंदिर संपत्तियों के किराये का लंबे समय से भुगतान नहीं किया उनको भी नोटिस जारी कर दिए गए है। ऐसे किरायेदारों से 22 लाख रुपये की वसूली हो चुकी है। राज्य से बाहर की परिसंपत्तियों की भी रिपोर्ट मांगी गई है। इसका विधिक परीक्षण कराने के बाद समिति कार्रवाई करेगी।
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