Uttarkashi News: (Kachchadu Devta Temple where customs duty has to be paid even today) नये वाहन खरीदने वालों सहित जनपद में आने वाले नये अधिकारी कर्मचारी को कच्चडू देवता मन्दिर में पूजा एवं श्री फल चढ़ाना जरूरी होता है।
देवभूमि उत्तराखंड अपने कहीं रहस्यों के लिए जानी जाती है। ऐसा ही एक मन्दिर जनपद उत्तरकाशी के डुण्डा में स्थित कच्चडू देवता का मन्दिर है। इस मन्दिर की मान्यता है की जो भी जनपद में नवविवाहित जोड़ों यहां आते है, उनकी सारी इच्छा पूरी होती है। इसके साथ ही नये वाहन खरीदने वालों सहित जनपद में आने वाले नये अधिकारी कर्मचारी को यहां पर पूजा एवं श्री फल चढ़ाना जरूरी होता है।
आज भी हजारों साल पहले कच्चडू नामक युवक हिमाचल से अपनी बहिन को लेने के लिए बरसाली गांव आ रहा था। तभी रास्ते में वह आराम करने के लिए बैठ गया और बांसुरी बजाने लगा। इस बीच उसे परियों ने हर लिया और अपने साथ चलने को कहने लगी। जिस पर कच्चडू ने अपनी बहिन को अपने गांव ले जाने के बाद आने का परियों से वादा किया फिर वह अपनी बहिन को अपने गांव ले गया। समय आने पर परियों ने उसे साथ चलने को कहा और वह परियों के साथ चला गया। लेकिन उसने यह शर्त रखी कि वह अपनी मां के हर काम में हाथ बटायेगा।
जिस पर परियों ने कहा कि जिस दिन तुम्हें कोई देख लेगा उसके बाद तुम कुछ नहीं कर पाओगे। मरने के बाद भी वह चुपके से रात को अपने घर के सारे काम करने लगा। अचानक गांव वालों को इसकी भनक लगी और गांव वालों ने उनकी माता को सारी बात बताई। जिस के बाद उनकी माता सच जानने के लिए छुप गयी। इस बीच कच्चडू मनुष्य भेष में घर के कार्य कर रहा था कि उनकी मां ने उन्हें देख लिया जिसके बाद कच्चडू अन्तर्ध्यान हो गया। इसी बीच वह डुण्डा में एक पेड़ के नीचे देवता के रूप में अवतरित हुए। जो आज एक मान्यता के तौर पर माना जाता है।
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