Friday, July 5, 2024
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End of the Earth: वैज्ञानिकों ने उठाया रहस्य पर से पर्दा, पता लगाया आखिर कैसे होगा धरती का अंत?

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End of the Earth: अगर मैं आपसे एक सवाल पूछूं। यही कि इस धरती यानी पृध्वी का अंत कब होगा? इस पर आपका क्या जवाब होगा। लोगों को अक्‍सर आपने ये कहते हुए सुना होगा कि अंतरिक्ष से कोई बहुत बड़ी चट्टान या उल्‍कापिंड धरती से टकराएगा। तब पृथ्‍वी कई टुकड़ों में बंटकर नष्‍ट हो जाएगी। बता दें कि देश और दुनियाभर के वैज्ञानिक भी इसी सवाल का सही जवाब खोजने के लिए लंबे समय से रिसर्च व अध्‍ययन कर रहे थे। अब आखिरकार वैज्ञानिकों को इसमें सफलता भी मिल गई है। दरअसल, वैज्ञानिकों को नए अध्‍ययन में एक बाहरी ग्रह यानी एक्‍सोप्‍लेनेट से ये संकेत मिले हैं कि धरती का अंत आखिर कैसे होगा?

जब तक पृथ्‍वी को सूर्य से प्रकाश मिलता रहेगा, तब तक हमारे ग्रह का रहेगा अस्तित्‍व

वैज्ञानिकों के मुताबिक, हमारे ग्रह पृथ्‍वी का वजूद ही सूर्य के अस्तित्‍व से है। साफ है कि जब तक पृथ्‍वी को सूर्य से प्रकाश मिलता रहेगा। तब तक हमारे ग्रह का अस्तित्‍व बना रहेगा। वैज्ञानिकों ने अपनी इस खोज के दौरान नए अध्‍ययन में एक्‍सोप्‍लेनेट को अपने तारे की ओर टकराने के लिए जाते हुए देखा है। धीरे-धीरे इस एक्‍सोप्‍लेनेट की अपनी कक्षा खत्‍म हो रही है। द एस्‍ट्रोनॉमिकल जर्नल लेटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रहों के जीवन चक्र को समझने के नजरिये से ये अध्‍ययन भविष्य में मील का पत्‍थर साबित होगा।

नासा ने टेलीस्कोप से की थी 2009 में 1658B की खोज 

अनुसंधान करने वालों को पहले ही पता लग चुका है कि एक्‍सोप्‍लेनेट अपने तारे में जाकर विलुप्त हो जाते हैं। ये अभी तक सिर्फ सैद्धांतिक तौर पर माना जाता रहा है। अभी तक नष्‍ट होते किसी ग्रह को नहीं देखा गया था। ऐसे में इस अध्‍ययन में वैज्ञानिकों को इस पूरी घटनाक्रम को देखने का एक अच्छा मौका मिल रहा है। नासा ने टेलीस्कोप की मदद से अपने तारे की ओर बढ़ रहे बाहरी ग्रह केप्लर 1658B की खोज 2009 में ही कर ली थी। हालांकि, इस बाहरी ग्रह के अस्तित्व की पुष्टि करने के लिए वैज्ञानिकों को एक दशक का समय लग गया था।

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Monu kumar
Monu kumar
मोनू कुमार ने अपने पत्रकारिता जीवन की शुरुआत India Ahead News Channel (इससे पहले ये यूट्यूब पोर्टल Jantalk और mdvlogs का भी हिस्सा रहे हैं) से की। फिलहाल ये अभी हमारे ITV Network (India News) का हिस्सा हैं।
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