Chhath Puja 2022
इंडिया न्यूज यूपी/यूके, लखनऊ: छठ महापर्व धूमधाम से मनाया गया। सोमवार को व्रती महिलाओं ने उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देकर छठ मइया की पूजा-अर्चना की। सुबह सुबह 5 बजे से ही गोमती घाटों पर श्रद्धालुओं के आने का क्रम शुरू हो गया था। सूर्योदय के समय तक घाटों पर छठ मइया के प्रतीक (सुशोबिता) पर व्रती महिलाओं का जमावड़ा देखते ही बन रहा था।
दूध और गंगाजल से सूर्यदेव को दिया अर्घ्य
सूर्य उदय के पहले ही व्रती महिलाएं पानी के बीच दूध और गंगाजल लेकर सूर्य देव को अर्घ्य के लिए तैसार हो गईं थीं। सूर्योदय के संग ही अर्घ्य देकर महिलाओं ने परिवार के सुख-समृद्धि की कामना की। छठ मइया के पारंपरिक गीतों का गुलदस्ता पेशकर व्रती महिलाओं के समूह ने माहौल को भक्ति से सराबोर कर दिया। पति व पुत्र के सिर पर रखी टोकरी के पीछे सूप में जलता दीपक छठ मइया के प्रति आस्था और विश्वास का उजाला चारों तरफ फैला रहा था।
इन गीतों के साथ सूर्य को दी गई अर्घ्य
कुछ महिलाएं तो पहले से ही घाट पर मौजूद थीं तो दूसरी ओर दूर से आई महिलाएं उजाला होने से पहले घाटों पर अपनी दस्तक दे चुकी थीं। स्वर्ग से उगीं न सुरुजमल पुर खेते करीं न अजोर, करीं अरजी तोहार…, केरवा फरेला घवद से ओहे पे सुगा मंडराय… और देवी मइया सुन ला अरजिया हमार…जैसे गीतों के संग भोर में व्रतियों का दल पूजन स्थल पर पहुंच गया था
घाटों पर पूरब की ओर मुंह करके खड़ी व्रती महिलाएं टकटकी लगा उगते सूर्य से जल्दी उगने की कामन कर रही थीं। धीरे-धीरे भरी कोसी और सूप-सुपली के साथ कमर भर पानी में जा उतरीं। संतान सुख और पति की दीर्घायु के साथ सुख-समृद्धि की कामना लिए सोमवार को भोर से ही व्रती महिलाएं उगते सूर्य को महापर्व डाला छठ का दूसरा अर्घ्य देने को आतुर दिखीं।
चार दिवसीय महाव्रत का पारण
सुबह 6:29 से सात बजे तक महिलाओं ने उगते सूर्य को अर्घ्य दिया। घर पर वापस लौटने के साथ ही प्रसाद वितरण कर चार दिवसीय महाव्रत का पारण किया। प्रसाद ग्रहण करने के पहले व्रती महिलाओं ने घर पर भी छठी मइया की पूजा-अर्चना की।