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Magh Purnima 2023: माघ पूर्णिमा पर बन रहा ये खास संयोग, इन 3 उपाय से मिलेगी सभी समस्याओं से मुक्ति

• LAST UPDATED : February 4, 2023

Magh Purnima 2023: वैदिक पंचांग के अनुसार हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को माघ पूर्णिमा मनाई जाती है। इस साल माघ पूर्णिमा 5 फरवरी 2023 को पड़ रही है। इस दिन से अपने शुभ काम की करें शुरुआत। ऐसा करने से घर में धन और संतान की प्राप्ति होगी।

सभी पवित्र नदियों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रहती

हिन्दू पंचांग के अनुसार हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को माघ पूर्णिमा मनाई जाती है। मान्यता है कि इस दिन सभी 27 नक्षत्रों में 8वें स्थान पर पुष्य नक्षत्र आता है। जिसको कि पंचांग के अनुसार बहुत ही शुभ नक्षत्र माना गया है। इस दिन धन-वैभव की देवी माता लक्ष्मी प्रसन्न रहती हैं और माघ पूर्णिमा पर दान- स्नान करने से व्यक्ति को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। बता दें कि, माघ पूर्णिमा पर देश की सभी पवित्र नदियों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रहती है।

माघ पूर्णिमा के दिन रवि पुष्य योग बन रहा

धार्मिक मान्यता के अनुसार माघ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा में देवतागण पृथ्वी लोक पर भ्रमण करने आते हैं और जो भी लोग दान- स्नान करते हैं उनको आशीर्वाद देते हैं। इस साल माघ पूर्णिमा के दिन रवि पुष्य योग बन रहा है। रवि पुष्य योग समस्त शुभ और मांगलिक कार्यों के शुभारंभ के लिए उत्तम माना जाता है। अगर ग्रहों की स्थित प्रतिकूल हो और कोई अच्छा मुहूर्त नहीं भी हो, ऐसी स्थिति में भी रवि पुष्य योग सभी कार्यों के लिए परम लाभकारी माना जाता है। लेकिन इसमे विवाह को शामिल नहीं किया जाता।

माघ पूर्णिमा की तिथि

पंचांग के मुताबिक इस साल माघ पूर्णिमा का आरंभ 04 फरवरी 2023 शनिवार को रात 09 बजकर 28 मिनट पर हो रहा है और इसका अंत अगले दिन 05 फरवरी, रविवार को रात 11 बजकर 57 मिनट पर होगा। जिसके आधार पर मानते हुए माघ पूर्णिमा 5 फरवरी को मनाई जाएगी। वैदिक पंचांग के अनुसार 05 फरवरी को आप सुबह 07 बजकर 06 मिनट से लेकर 12 बजकर 12 मिनट के बीच रवि पुष्य योग बन रहा है। ये योग खरीदारी के लिए बेहद शुभ है।

संतान प्राप्ति होगी

जिन भी दंपति को संतान प्राप्ति में बाधा आ रही है। वो लोग इस दिन रवि पुष्य के संयोग में भगवान श्रीकृष्ण का पूजन अवश्य़ करें। जिसके बाद श्रीकृष्ण का आकर्षक श्रृंगार करें, उन्हें पीतांबर (पीले) रंग के वस्त्र पहनाएं, पीले पुष्प अर्पित करें और बेसन या बूंदी के लड्डू का नैवेद्य लगाएं।इसके बाद संतान गोपाल मंत्र का पाठ करें।

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