इंडिया न्यूज, नई दिल्ली।
Sheetala Ashtami 2022 Why Stale Food Offered to Mata : हिन्दू धर्म में हर महीने कई व्रत और त्योहार पड़ते हैं। साथ ही सभी देवी-देवताओं के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हिंदू धर्म में पड़ने वाले सभी व्रत और त्योहारों का अलग-अलग महत्व होता है। दो दिन बाद शीतला अष्टमी का पावन पर्व मनाया जाने वाला है। ये पर्व प्रत्येक वर्ष चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। शीतला अष्टमी को बसौड़ा अष्टमी भी कहा जाता है। बसौड़ा शीतला माता को समर्पित त्योहार है।
हिंदू पंचांग के अनुसार ये त्योहार चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है। जो कि होली के आठवें दिन पड़ता है। इस दिन शीतला माता को ठंडा यानी बासी भोजन का भोग लगाने की परंपरा है। आखिर क्यों इस दिन माता शीतला को बासी भोजन का भोग लगाया जाता है। शीतला अष्टमी व्रत के दौरान घर में ताजा भोजन नहीं पकाया जाता बल्कि एक दिन पहले बने भोजन को ही प्रसाद के रूप में खाया जाता है। इस परंपरा के पीछे वैज्ञानिक महत्व भी है।
मान्यता है कि शीतला माता को बासी भोजन काफी प्रिय है। शीतला अष्टमी के दिन लोग बासी भोजन को प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं। कहा जाता है कि अष्टमी के दिन के घरों में चूल्हा नहीं जलाया जाता है और उस दिन रात में बने भोजन को ही ग्रहण करने का रिवाज है। वहीं वैज्ञानिक कारण की बात करें तो चैत्र माह की सप्तमी और अष्टमी तिथि ऋतुओं के संधिकाल पर आती है। यानी शीत ऋतु के जाने का और ग्रीष्म ऋतु के आने का समय है। इन दो ऋतुओं के संधिकाल में खान-पान का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
(Sheetala Ashtami 2022 Why Stale Food Offered to Mata)
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