Saturday, May 11, 2024
HomePoliticsGhosi Election Result: इन मुख्य कारणों से घोसी उपचुनाव में बीजेपी को...

Ghosi Election Result: इन मुख्य कारणों से घोसी उपचुनाव में बीजेपी को खानी पड़ी मात, ये है हार के प्रमुख 6 कारण

- Advertisement -

India News (इंडिया न्यूज़),Ghosi Election Result: यूपी के मऊ जिले में हुए चुनाव के परिणाम कल घोषित हो गए हैं। सपा प्रत्याशी सुधाकर सिंह ने समाजवादी पार्टी से बीजेपी के आए दारा सिंह चौहान को 42 हाजार से भी अधिक मतों से हरा दिया। चुनाव के परिणाम इस प्रकार के होगें ऐसी उम्मीद नहीं थी। इतने अधिक वोटों की हार बताती है कि जनता ने करीब करीब दारा सिंह चौहान को अपने क्षेत्र से खारिज कर दिया है।

राजभर के लिए ये चुनाव था लिटमस टेस्ट

यह चुनाव भाजपा के लिए नाक का सवाल था। चुनाव से बिल्कुल पहले उन्होंने गठबंधन के पेचन को कसते हुए ओम प्रकाश राजभर की एनडीए में वापसी करवाई थी। ऐसा माना जाता था कि कुछ जातियों का एक खास वोट बैंक उनके साथ होता है। राजभर के लिए भी यह चुनाव लिटमस टेस्ट था। चुनाव प्रचार में बीजेपी ने अपनी पूरी ताकत छोड़ दी थी। इस चुनाव में मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री के साथ पूरी कैबिनेट और गठबंधन चुनाव में पूरी तरह से सक्रिय दिखे। इन सबके बावजूद भी बीजेपी को बड़ी हार का सामना करना पड़ा। लिए समझते हैं आखिर केंद्र और राज्य में लोकप्रियता से सरकार चल रही भाजपा को आखिर घोसी के चुनाव में मुंह की क्यों खानी पड़ी?

बीजेपी का दारा सिंह चौहान को बतौर प्रत्याशी खड़ा करना

दारा सिंह चौहान जब भाजपा में शामिल हुए थे तब इस बात की अटकलें लगाई जा रही थी कि हो सकता है कि उनको विधान परिषद के माध्यम से मंत्री बना दिया जाए और घोसी में किसी नए व्यक्ति को बीजेपी टिकट दे। चुनाव के दौरान घोसी के भाजपा कार्यकर्ता लगातार यह प्रश्न कर रहे थे कि 2022 के चावन से ठीक पहले पार्टी को भला बुरा कहकर पार्टी से इस्तीफा देने वाले दारा सिंह चौहान को फिर भाजपा में लाने की क्या जरूरत थी? वह अगर पार्टी में शामिल भी हो गए थे तो पार्टी को उनको कहीं और समायोजन कर लेती।

अन्य चेहरे को मौका ना देना

नेता को घोसी में टिकट देने की क्या जरूरत थी जहां साल भर पहले ही पूरी पार्टी उनके खिलाफ चुनाव लड़ रही थी। दारा सिंह चौहान के बजाय यदि पार्टी में किसी दूसरे नए चेहरे को मौका मिलता तो शायद चुनाव परिणाम कुछ और होता।

मतदाताओं में नाराजगी

विधानसभा 2022 में समाजवादी पार्टी प्रत्याशी के रूप में दारा सिंह चौहान ने घोसी सीट पर तकरीबन 22000 से अधिक मतों से चुनाव जीता था। किंतु, 16 महीने बाद सपा से इस्तीफा देकर दारा सिंह चौहान का बीजेपी में शामिल होना और घोसी में फिर से उपचुनाव थोपना स्थानीय जनता के साथ मतदाताओं में भी नाराजगी का कारण बना।

दारा सिंह चौहान का पार्टी बार-बार बदलना

बीजेपी के नेता दारा सिंह चौहान किसी पार्टी में टिककर नहीं रहे हैं। इससे उनकी छवि को काफी नुकसान हुआ व विधायक और सांसद दोनों के चुनाव लड़ते रहे हैं। कभी एक पार्टी से एमएलए का तो कभी किसी दूसरी पार्टी से सांसदी का। उन्होंने 1999 में सपा के टिकट पर घोसी से उपचुनाव लड़ा और भाजपा से हार गए। इसके बावजूद भी सपा ने मेहरबानी की और उन्हें राज्यसभा सदस्य बना दिया। लेकिन पार्टी बदलने में माहिर दारा सिंह फिर से बसपा में शामिल हो गए।

राजभर और निषाद का वोट ना दिला पाना

बीजेपी को घोसी उपचुनाव में सुभासपा, अपना दल व निषाद पार्टी से करिश्मे की उम्मीद थी। आंकड़ों के अनुसार घोसी में तकरीबन 55 हजार राजभर, 19 हजार निषाद और 14 हजार कुर्मी मतदाता है। बीजेपी ने सुभासपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर और निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद की सभाएं रैलियां और कई बैठक के कार्रवाई। राजभर और निषाद ने बड़ी-बड़ी से कई दिनों तक सजातीय मतदाताओं के बीच डेरा भी डाला। लेकिन चुनावी आंकड़े बता रहे हैं कि राजभर और निषाद के मतदाताओं ने भी स्थानीय प्रत्याशी को ही वोट दिया।

बड़ी संख्या में मतदाताओं का साइकिल पर सवार होना

चुने परिणाम यह बता रहे हैं की बड़ी संख्या में दलित साइकिल पर सवार हो गए। कोई भी अपील इन वर्टरों को अपनी ओर आकर्षित नहीं कर पाई। घोसी उपचुनाव एक तरह से पक्ष और विपक्ष की सीधी टक्कर का चुनाव था। लेकिन इस चुनाव में बसपा ने इस बार एक अनूठा प्रयोग किया था। कहा था कि वह यह चुनाव थोपा गया चुनाव है। ऐसे में बसपा या तो इस चुनाव से दूर रहेंगे या नोट दबाए। बसपा ने यह फरमान पूरे भरोसे के साथ जारी किया था क्योंकि ऐसा माना जाता है कि घोसी में बसपा के समर्थकों की संख्या काफी बड़ी है।

ये भी पढ़ें:- UP Weather Update: उत्तर प्रदेश में बदला मौसम का मिजाज, बरेली सहित प्रदेश के इन 39 जिलों में बारिश के भारी आसार, जानें अपने शहर का हाल 

UP Crime: फतेहपुर में छात्रा के साथ मुस्लिम युवकों ने किया गैंगरेप, घटना का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर किया वायरल

SHARE
Ritesh Mishra
Ritesh Mishra
रितेश मिश्रा ने अपने पत्रकारिता जीवन की शुरुआत ITV(India News)से की है। ये इंडिया न्यूज़ के साथ पिछले 11 महीने से जुड़े हुए हैं।
RELATED ARTICLES

Most Popular