Thursday, July 4, 2024
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Ayodhya News : ओंकारेश्वर से नर्मदेश्वर महादेव का विशालकाय शिवलिंग पहुंचा अयोध्या

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India News (इंडिया न्यूज़), Akhand Singh, Ayodhya : भगवान राम लला के मंदिर में लगाए जाने के लिए मध्य प्रदेश की ओंकारेश्वर से नर्मदेश्वर महादेव का विशालकाय शिवलिंग 5 दिन की यात्रा के उपरांत अयोध्या पहुंचा है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बाकायदा धार्मिक अनुष्ठान करते हुए रुद्राभिषेक किया और रुद्राभिषेक के उपरांत शिवलिंग को स्वीकार किया। फिलहाल विशालकाय नर्मदेश्वर महादेव का शिवलिंग कारसेवक पुरम में रखा गया है जहां पर मंदिर के निर्माण के उपरांत पर कोटे में इसका इस्तेमाल किया जाएगा।

नर्मदा नदी में प्रकट हुआ शिवलिंग अयोध्या के राम मंदिर में विराजमान

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को नर्मदेश्वर महादेव का शिवलिंग समर्पित करने वाले महंत अवधूत नर्मदानंद बाप जी ने बताया कि यह सौभाग्य है कि नर्मदा नदी का हर कंकड़ शंकर है। नर्मदा नदी में प्रकट हुआ शिवलिंग अयोध्या के राम मंदिर में विराजमान होगा। कार्यक्रम के आयोजक अवधूत नर्मदानंद ने बताया कि 18 अगस्त को यात्रा ओंकारेश्वर से प्रारंभ हुई थी और कल देर रात या अयोध्या पहुंची है। नर्मदेश्वर महादेव की स्थापना भगवान राम लाल के परकोटे में होगी। जहां गणेश जी सूर्य भगवान मां जगदंबा और महादेव का मंदिर बनाया जाएगा। मध्य में भगवान श्री राम का भव्य मंदिर रहेगा और उसके आसपास अन्य मंदिर बनाए जाएंगे।

नर्मदेश्वर महादेव का शिवलिंग 3 महीने में हुआ तैय़ार

मूर्ति के निर्माता मिश्रीलाल शाह ने बताया कि शिवलिंग का वजन 600 किलो का है। 48 इंच का शिवलिंग पूरा मधु कलर का है और इसमें किसी भी तरीके के निशान नहीं है। शिवलिंग नर्मदा नदी के किनारे प्राप्त हुई मूर्ति निर्माता ने बताया कि 3 माह के समय में नर्मदेश्वर महादेव का शिवलिंग तैयार किया गया है।

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव संपत राय ने किया शिवलिंग को स्वीकार

राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा ने कहा कि नर्मदा नदी के मध्य से शिवलिंग को निकालकर साधना करके और फिर उसको तैयार करके रामलला के चरणों में समर्पित किया है। ओंकारेश्वर के नर्मदा से ले गए नर्मदेश्वर महादेव के शिवलिंग को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव संपत राय ने स्वीकार किया है। अभी शिवलिंग को कार सेवक पुरम में उचित स्थान पर स्थापित किया गया है। इसके पश्चात श्री राम जन्मभूमि पीछे ट्रस्ट इस शिवलिंग के उपयोग पर विचार करेगा।

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