Wednesday, July 3, 2024
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Gorakhpur: लोकसभा अध्यक्ष बोले- महंत दिग्विजय नाथ की सपना साकार कर रहे 52 संस्थान, योगी ने कहा- ब्रिटेन से आगे निकली भारतीय अर्थव्यवस्था

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Gorakhpur

इंडिया न्यूज, गोरखपुर (Uttar Pradesh)। गोरखपुर में शनिवार को महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के 90वें स्थापना दिवस समारोह का समापन हो गया। इसमें सीएम योगी आदित्यनाथ और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला शामिल हुए। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि देश को विकसित और आगे ले जाने में युवाओं की भूमिका अहम है। यह तभी संभव है जब लोकतांत्रिक मूल्यों को संरक्षित रखते हुए उन्हें संस्कारवान और मौजूदा दौर के हिसाब से शिक्षा व्यवस्था दी जाए। उन्होंने कहा कि गोरक्षपीठ की परंपरा को कठिन परिश्रम के साथ योगी आदित्यनाथ आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं। मुगल शासकों के आक्रमण से बचाने का काम ऐसे पीठ और मंदिरों ने किया है।

मालवीय के विचारों का किया जिक्र
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि मदन मोहन मालवीय के विचारों का भी यहां जिक्र किया। महंत दिग्विजय नाथ की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि महंत दिग्विजय ने सोचा था कि आजादी के साथ ऐसी शिक्षा व्यवस्था बनाई जाएं, जिससे समाज को आगे ले जाया जाए। यही वजह है कि 1932 में उन्होंने महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद का गठन किया। उन्होंने मेवाड़ के सपूत महाराणा प्रताप के जीवन आदर्श को अपनाया, जिन्होंने देश की अस्मिता की रक्षा के लिए अपने अद्भुत पराक्रम को दर्शाया।

बिरला ने कहा कि आजादी के 75 साल बाद इस देश को एक विकसित राष्ट्र बनाने में हमारे नवजवान को मार्गदर्शन मिले यह कोशिश होनी चाहिए। महंत दिग्विजय ने शिक्षा के हर क्षेत्र में काम करने का जो सपना देखा था वह आज 52 संस्थाओं जिसमें कॉलेज, नर्सिंग, मेडिकल और यूनिवर्सिटी के रूप में दिखाई दे रही है। हम गर्व के साथ कह सकते हैं कि भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में नौजवानों की भूमिका अहम हो सकती है जिसमें नया करने की सोच है। बिरला ने कहा कि स्वामी विवेकानंद, मालवीय और महंत दिग्विजय नाथ सभी ने युवाओं का मार्गदर्शन किया है। इस परिषद के अंतर्गत जो प्रतियोगिता होती है उसमें समग्र विषय शामिल होता है। जिसके विजेताओं को बधाई देता हूं।

योगी बोले- ऑस्ट्रेलिया की आबादी के बराबर यहां मुफ्त आवास दिए
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ब्रिटेन को पछाड़कर भारत दुनिया की 5वी बड़ी अर्थव्यवस्था बना है। भारत दुनिया मे सबसे तेज गति से उभरने वाली अर्थव्यवस्था है। कोरोना काल में भी भारत ने अपनी अर्थव्यवस्था बढ़ाई। इंसेफ्लाइटिस का वैक्सीन बनने के 100 साल बाद भारत के गोरखपुर में टीका आ पाया। लेकिन कोरोना काल में 9 महीने में ही भारत ने 2 टीके दे दिये। जितना भारत गरीबों को आवास दे देता है, उतने में एक नया ऑस्ट्रेलिया बस जाता है।

उन्होंने कहा कि ज्ञान की प्रकृति को केवल पुस्तकीय ज्ञान तक सीमित नहीं रखा गया है। आजादी के अमृत महोत्सव के साथ हर भारत वासी जुड़ा और हर घर तिरंगा उसका उदाहरण है। इसने लोगों को अपने राष्ट्रीयता के साथ जुड़ने का एक मंच दिया। पहली बार जी-20 देशों का नेतृत्व भारत कर रहा है और इसका थीम वसुधैव कुटुम्बकम है।

लोग बिना हेलमेट और सीट बेल्ट के चलते हैं और दुर्घटना में उनकी मौत हो जाती है। इसको लेकर हमें स्कूल के दौरान ही बच्चों को बताना होगा। हर काम के लिये शासन पर निर्भर नही बल्कि खुद इसके लिए आगे आना होगा। दुनिया के विकसित देशों की जितनी आबादी है उससे अधिक 80 करोड़ लोगो को भारत मे कोरोना काल मे फ्री राशन दिया गया। कोरोना काल मे ओलंपिक हुआ और इसमें सबसे बड़ी टीम भारत से गयी और सबसे अधिक मेडल भारत ने जीता। हर एक के लिये अवसर है पर उससे खुद को जोड़ना होगा। हमारी इंस्टीट्यूशन को इंडस्ट्री के साथ जुड़ना होगा। हमें रिसर्च और डेवलपमेंट पर ध्यान देना होगा। पहले गोरखपुर के पहलवान देश दुनिया में धूम मचाते थे और यहां की कब्बडी की टीम काफी अच्छी मानी जाती थी। लेकिन अब ऐसा नही है। इसके लिए हमें इसपर ध्यान देना होगा।

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