India News (इंडिया न्यूज़), Roorkee Steel Factory Blast Update : मंगलौर स्थित आयरन एंड स्टील प्लांट की भट्ठी में हुए विस्फोट मामले में पुलिस ने फैक्ट्री मालिक और प्रबंधक पर मामला दर्ज किया है। दोनों पर लापरवाही और बिना सुरक्षा उपकरणों के श्रमिकों से काम कराकर उनकी जान को खतरे में डालने का आरोप है। वहीं, घायलों की हालत स्थिर बनी हुई है।
मंगलौर कोतवाली क्षेत्र के मुंडियाकी गांव के पास श्री एकन्या आयरन एंड स्टील प्लांट (पुराना नाम गायत्री आयरन एंड स्टील प्लांट) है। बीती बुधवार रात को फैक्ट्री में मजदूर लोहा पिघलाने वाली भट्ठी पर काम कर रहे थे। देर रात करीब 12 बजे भट्ठी नंबर-2 में विस्फोट हो गया था, जिससे लावे की चपेट में आने से 16 श्रमिक झुलस गए थे।
हादसे के बाद प्रबंधन ने पुलिस और प्रशासन को सूचना दिए बगैर ही सभी घायलों को विनीत मिनोचा अस्पताल मुजफ्फरनगर और सुभारती मेडिकल कालेज मेरठ में भर्ती कराया था। 4 घायलों को उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई थी। जबकि 12 श्रमिकों का अभी भी उपचार चल रहा है।
इस मामले में बुधवार को लंढौरा पुलिस चौकी प्रभारी पुष्पेंद्र कुमार ने मंगलौर कोतवाली पुलिस को तहरीर दी। जिसमें बताया कि फैक्ट्री में श्रमिकों से बिना सुरक्षा उपकरण दिए ही उनकी जान को खतरे में डालकर काम कराया जा रहा था। कहा गया है कि फैक्ट्री मालिक की लापरवाही की वजह से हादसा हुआ है।
मंगलौर कोतवाली प्रभारी निरीक्षक महेश जोशी ने बताया कि पुलिस ने इस मामले में फैक्ट्री मालिक और प्रबंधन पर केस दर्ज किया है। पुलिस मामले की पूरी जांच कर रही है। बताया गया है कि जहां श्रमिक काम कर रहे थे वहां उन्हें न ही सुरक्षा उपकरण दिए गए थे और न ही वहां कोई सायरन था। रुड़की स्टील फैक्ट्री में हुए विस्फोट के बाद फैक्ट्री मानकों को लेकर जांच पड़ताल शुरू हो गई है।
वहीं शुरुआती जांच में सामने आया है कि फैक्ट्री की ओर से सुरक्षा उपायों का कड़ाई से पालन नहीं किया जा रहा था। जिस स्थान पर हादसा हुआ, वहां काम कर रहे श्रमिकों को अगर सुरक्षा उपकरण दिए होते तो शायद इतना बड़ा हादसा होने से बच जाता और इतनी संख्या में श्रमिक झुलसने से बच जाते।
मंगलौर कोतवाली में दर्ज रिपोर्ट में दी गई जानकारी के अनुसार- स्टील फैक्ट्री की भट्ठी नंबर-2 में विस्फोट होने से जो लोहे का लावा निकला और श्रमिकों के ऊपर जा गिरा। ऐसे में यह बड़ा सवाल है कि लोहे की फैक्ट्री में भट्ठी का तापमान बेहद उच्च होता है। ऐसे में आग के सामने काम कर रहे श्रमिकों की सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम होने चाहिए थे।
वहीं, फैक्ट्री में कोई दुर्घटना होने पर सायरन आदि बजने की व्यवस्था भी नहीं दिखी। ऐसे में फैक्ट्री में सुरक्षा इंतजामों को लेकर सवाल उठ रहे हैं। एसपी देहात एसके सिंह का कहना है कि सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर जांच की जा रही है।
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