India News(इंडिया न्यूज़), देहरादून “Dehradun News” : केन्द्र सरकार की ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ योजना से सीमावर्ती गांव की आजीविका सुधरने के साथ ही संस्कृति संरक्षण,पर्यटन, रोजगार को बढ़ावा देकर गांवों को खुशहाल बनाने पर सरकार कार्य करने जा रही है।
जल्द अंतरराष्ट्रीय सीमा चीन और नेपाल से सटे उत्तराखंड के सीमावर्ती गांव में जल्द ही रौनक लौटने वाली है। केन्द्र सरकार की ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ योजना से इन गांवों की आजीविका सुधरने के साथ ही संस्कृति संरक्षण,पर्यटन, रोजगार को बढ़ावा देकर गांवों को खुशहाल बनाया जाएगा। इसके साथ ही इससे पलायन रोकने में मदद मिलेगी, साथ ही गांवों के खाली नहीं होने से सीमाएं भी सुरक्षित रहेंगी।
गौरतलब है कि उत्तराखंड की चीन और नेपाल से लगभग 675 किलोमीटर सीमा सटी है। अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे गांवों में बढ़ते पलायन को लेकर केन्द्र सरकार सुरक्षा की ओर से ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ देश भर लागू करने जा रही है।
वहीं, प्रधानमंत्री के निर्देश पर प्रदेश में अभी तक केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया मार्च माह में मलारी गांव चमोली में उत्तरकाशी, केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री, जी. किशन रेड्डी अप्रैल में भटवाड़ी ब्लाक उत्तरकाशी के सीमांत गांवों का कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड के तीन जनपदों में कुल 51 गांव चिन्हित किए गए हैं। जिसमे की जिले गढ़वाल से चमोली और उत्तरकाशी, कुमाऊं के पिथौरागढ़ के गांवों को चिन्हित किया गया है।