Coronavirus
इंडिया न्यूज, कानपुर (Uttar Pradesh)। चीन में तबाही मचाने वाले ओमिक्रॉन के नए वैरिएंट बीएफ.7 से घबराने की जरूरत नहीं है। यह वैरिएंट जुलाई में ही भारत में चिन्हित किया गया था। जुलाई और नवंबर के बीच ओडिशा और गुजरात में चार केस मिले थे। हालांकि इन मामलों की वजह से दोनों राज्यों में कोरोना संक्रमण के फैलने में तेजी नहीं देखी गई थी। यह कहना है कि आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर और कोरोना एक्सपर्ट डॉक्टर मणींद्र अग्रवाल का।
उन्होंने कहा कि चीन में लापरवाही की वजह से वहां नई लहर आई है। बीएफ.7 वैरिएंट पहले से भारत में है। इसका कोई प्रसार भी नहीं देखा गया है। इसलिए भारतीयों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। हालांकि सावधानी बरती जरूर जानी चाहिए।
Coming to India, we continue to have > 98% population with natural immunity. So I do not see any reason for concern. Over time, some percentage will lose natural immunity, and it may cause a small ripple, but it is VERY UNLIKELY that a significant rise will occur. [18/18]
— Manindra Agrawal (@agrawalmanindra) December 21, 2022
महज 2 फीसदी लोगों के चपेट में आने का खतरा
डॉक्टर अग्रवाल ने बताया कि कोरोना का यह नया वैरिएंट उन लोगों को चपेट में ले सकता है जिनकी इम्यूनिटी वैक्सीन की वजह से बनी हो। वैक्सीन से इम्यूनिटी जनरेट करने वाले दो फीसदी लोग ही हैं। बाकी सभी की नेचुरल इम्युनिटी बनी है, उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है।
बता दें कि प्रो. मणींद्र अपने गणितीय मॉडल सूत्र की मदद से कोरोना के उतार चढ़ाव का आकलन करते हैं। उनके पहले भी आकलन सटीक साबित हुए हैं।
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