इंडिया न्यूज, ग्रेटर नोएडा : Diabetes Patients will Get Facility कासना स्थित राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (GIMS) डायबिटीज से पीड़ित मरीजों के लिए आगे आया है। इसके लिए यहां डायबिटीज केयर सेंटर की शुरुआत की गई है। इसमें डायबिटीज टाइप-1 से पीड़ित मरीजों को भी इलाज देना प्राथमिकता में शामिल है। इसके लिए हाल में ही जिम्स नोवो नोर्डिस्क के साथ करार हो चुका है। इसमें डायबिटीज टाइप-1 से पीड़ित मरीजों को बेहतर चिकित्सीय सुविधाएं मिलेगी।
कोविड की पहली, दूसरी व तीसरी लहर के बाद डायबिटीज के मरीजों में कई गुना इजाफा हुआ है। इनमें से करीब 12 प्रतिशत पीड़ित मरीज ग्रामीण क्षेत्र व 17 प्रतिशत मरीज शहरी क्षेत्र में मिले हैं। शहरी क्षेत्र में जागरूकता के कारण लोग डायबिटीज की जांच कराकर एहतियात भरे कदम उठाना शुरू कर देते हैं, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को इस बीमारी के बारे में तब पता चलता है, जब यह अपने चरम तक पहुंच जाती है।
जिम्स ने ग्रामीण मरीजों में जागरूकता फैलाने व उनका समुचित इलाज के लिए ही जिम्स ने डायबिटीज केयर सेंटर शुरू किया है। यहां बुधवार व शुक्रवार को मरीज डॉक्टर को दिखाकर उचित सलाह व उपचार ले सकते हैं। इससे सही समय पर वह इलाज लेकर बीमारी को ठीक कर सके।ञ
जिम्स के सीएमएस डॉक्टर सौरभ श्रीवास्तव ने बताया कि टाइप-1 डायबिटीज एक साल से ऊपर के आयु वर्ग में पाया जाता है। इसका इलाज इंसुलिन ही है, जिसकी सुविधा भी जिम्स में दी जा रही है। वहीं उत्तर प्रदेश डायबिटीज एसोसिएशन से जुड़े गौतमबुद्धनगर डायबिटीज एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष डॉक्टर अमित गुप्ता ने बताया कि देश में तेजी से डायबिटीज के मरीज बढ़ रहे हैं। हमारा देश अमेरिका को पीछे छोड़कर डायबिटीज के मामले में पहले स्थान पर पहुंच गया है। इसलिए जागरूकता के साथ इलाज जरूरी है।
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