इंडिया न्यूज: (What is H3N2 Virus after all? How different it is from Corona, do not ignore it even by mistake,): बदलते मौसम में सर्दी-जुकाम, बुखार होना तो बहुत आम बात है, लेकिन इसी बीच इन्फ्लुएंजा एच3एन2 वायरस (H3N2) का प्रकोप भी शुरू हो गया है। समान लक्षण होने के कारण इसकी पहचान का तरीका केवल जांच ही है। वहीं राजधानी दिल्ली समेत देशभर के कई हिस्सों में इन दिनों इन्फ्लूएंजा ए के ‘एच3एन2 वायरस'(H3N2 Virus) तेजी से फैल रहा है। इस वायरस ने कोरोना की तरह जगह बनना शुरू कर दी हैं और कहा जा रहा है कि यह वायरस अन्य केटेगरी के वायरस की तुलना में घातक है। वहीं इससे एक व्यक्ति चपेट में आने से पूरा परिवार संक्रमित हो सकता है। लक्षण महसूस होते ही जांच कराएं, अन्यथा पूरे परिवार की सेहत खतरे में पड़ सकती है। ऐसे में आपका ये जानना बेहद जरूरी है कि इसके लक्षण क्या है?
जैसा कि आप जानते हैं कि पिछले कुछ हफ्तों में मौसम में बदलाव हुआ है। बदलते मौसम की वजह से खांसी और बुखार होना आम समस्या है। लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि H3N2 वायरस के लक्षण यहीं हैं। लोग मौसमी बुखार और इसके बीच अंतर नहीं कर पा रहे हैं। तो चलिए जानते हैं ICMR के अनुसार कि एच3एन2 वायरस की वजह से जो लक्षण पैदा हो रहे हैं, वो किस तरह पीड़ित को प्रभावित कर सकते हैं और इसमें आपको क्या करना चाहिए।
–तेज बुखार को न करें नजरअंदाज
बताया जा रहा है कि इस वायरस की चपेट में आने से आपको बहुत तेज बुखार हो सकता है। इसके साथ आपको कंपकपी भी महसूस हो सकती है।
–लगातार खांसी उठना
यहीं नहीं इस वायरस की चपेट में आने से आपको खांसी भी उठ सकती है। जो लगातार उठने पर दिक्कत कर सकती है। बता दें यह खांसी आम खांसी से अलग है ये आपके गले को बैठ सकती है साथ ही आवाज में भी परिवर्तन कर सकती है।
–हफ्तों तक रह सकते हैं लक्षण
बता दें इस वायरस से पैदा हुए लक्षण 2 से 3 हफ्तों तक रहे सकते हैं। इसमें ज्यादातर पीड़ितों को दो से तीन दिन तेज बुखार रहता है साथ ही बदन दर्द, सिरदर्द और बेचैनी महसूस होती है। इसमें खांसी आपको दो से तीन महीने तक रहे सकती है।
–यह लक्षण भी शामिल
बताया जा रहा है कि इस वायरस की चपेट में आने वाले लोगों को बुखार-खांसी के अलावा सर्दी, लंग एलर्जी जैसे ब्रोंकाइटिस, सांस लेने में कठिनाई, सीने में बेचैनी जैसे लक्षण भी महसूस हो रहे हैं।
निकट संपर्क से बचें
फ्लू से बचाव के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखें। लोगों से दूरी बनाएं रखें। अगर कोई व्यक्ति बीमार हो, तो उससे थोड़ी दूरी बनाकर रखें। अगर आप बीमार हैं तो भी अन्य लोगों को बीमार होने से बचाने के लिए उनके निकट न जाएं।
घर पर रहें
यह एक संक्रामक रोग है, जो एक दूसरे के संपर्क में आने से फैलता है। ऐसे में संभव हो तो बीमार होने पर स्कूल, कार्यालय या किसी अन्य कारण से बाहर जाने से बचें और घर पर ही रहें।
मुंह और नाक ढक कर रखें
छींकते या खांसते समय मुंह व नाक को रुमाल की मदद से ढककर रखें। इससे आपके करीबी लोग बीमार होने से बच सकते हैं। फ्लू मुख्यतः: खांसने, छींकने और मुंह से निकलने वाले वायरस से होता है।
हाथ साफ करें
जब व्यक्ति कीटाणु से दूषित किसी चीज को छूता है और उसके बाद उन्हीं हाथों को साफ किए बिना आंख, मुंह और नाक को छूता है तो रोगाणु फैलते हैं। इसलिए फ्लू से बचाव के लिए बार-बार हाथ धोएं, ताकि कीटाणु से बचा जा सके। बाहर हैं और साबुन व पानी उपलब्ध नहीं हैं तो हाथ सैनिटाइजर से साफ करें।
फ्लू का टीकाकरण
यह मौसमी संक्रमण है, इसलिए मौसम बदलने से पहले टीकाकरण कराएं। इन्फ्लूएंजा का टीका अक्सर डॉक्टर द्वारा दिया जाता है। यह फ्लू होने की गारंटी तो नहीं देता लेकिन अन्य प्रकार के वायरस से सुरक्षा करता है।
स्वास्थ्य का ध्यान रखें
स्वस्थ रहने के लिए पौष्टिक आहार, शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्व और विटामिन को डाइट में शामिल करें। व्यायाम व योग आदि से रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाएं ताकि शरीर बीमारी से निबटने के लिए तैयार रहे।
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