India News (इंडिया न्यूज़),Akhilesh Yadav: नया संसद भवन बनकर तैयार है। एक ओर सरकार ने 28 मई को उद्घाटन की तारीख निर्धारित की हुई है, तो वहीं दूसरी ओर विपक्ष द्वारा राजनीति भी गरमाई हुई है। आज यानि 26 मई को प्रधानमंत्री के दूसरे कार्यकाल के 9 साल पूरे हो रहे हैं। इसी बीच 28 मई को होने वाले नए संसद के उद्घाटन समारोह को लेकर लगातार विवाद भी बढ़ता जा रहा है। 19 विपक्षी दलों ने बायकॉट का आह्वान किया है तो वहीं कुछ गैर एनडीए के दल उद्घाटन समारोह में शामिल होंगे। एक तरफ 25 मई को सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई की प्रधानमंत्री की बजाय राष्ट्रपति को संसद की नई इमारत का उद्घाटन करना चाहिए।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा- सेंगोल सत्ता के हस्तांतरण (एक-हाथ से दूसरे हाथ में जाने) का प्रतीक है… लगता है भाजपा ने मान लिया है कि अब सत्ता सौंपने का समय आ गया है।
सेंगोल सत्ता के हस्तांतरण (एक-हाथ से दूसरे हाथ में जाने) का प्रतीक है… लगता है भाजपा ने मान लिया है कि अब सत्ता सौंपने का समय आ गया है। pic.twitter.com/wLPeIYvljC
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) May 26, 2023
कांग्रेस नए संसद भवन के उद्घाटन की तारीख से भी नाराज दिख रही है। दरअसल 28 मई को विनायक दामोदर सावरकर की जयंती है और बीजेपी का सावरकर के प्रति प्रेम और लगाव जगजाहिर है। सावरकर बीजेपी के लिए रोल मॉडल से कम नहीं। क्योंकि सावरकर और बीजेपी की विचारधारा हिंदुत्व की विचारधारा है। जबकि कांग्रेस और तमाम विरोधी दल सावरकर पर लगातार निशाना साधते रहे हैं। कांग्रेस ने तो यहां तक कह दिया कि उद्घाटन के लिए 28 मई की तारीख का चुनाव करना देश के राष्ट्र निर्माताओं और शहीदों का अपमान है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने उद्घाटन में राष्ट्रपति और पूर्व राष्ट्रपति को न बुलाकार बार-बार मर्यादा का अपमान करने का आरोप लगाया है। इससे ठीक पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री के हाथों उद्घाटन कराए जाने पर ही बड़ा सवाल खड़ दिया। दरअसल उन्होंने कहा कि नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति जी को करना चाहिए, प्रधानमंत्री को नहीं। बता दें कि कांग्रेस के अलावा आप पार्टी,टीएमसी,जदयू,शिवसेना(उद्धव गुट) और एआईएमआईएम पार्टी समेत कई दलों ने बायकॉट किया है।