इंडिया न्यूज, लखनऊ (Political Turmoil) : सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने चाचा शिवपाल व ओमप्रकाश राजभर को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने दो टूक कहा कि आप लोगों को जहां ज्यादा सम्मान मिलता है। आप वहां जाने के लिए स्वतंत्र है। इससे सियासी हलचल तेज हो गई है। हालांकि चाचा शिवपाल व सुभासपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने प्रेसवार्ता कर इसका जवाब भी दिया है।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने चाचा शिवपाल सिंह यादव के लिए जारी पत्र में कहा गया है कि शिवपाल सिंह यादव जी, अगर आपको लगता है कि कहीं ज्यादा सम्मान मिलेगा तो आप वहां जाने के लिए स्वतंत्र हैं।
वहीं, राजभर को लिखा कि ओमप्रकाश राजभर जी, सपा लगातार भाजपा के खिलाफ लड़ रही है। आपका भाजपा के साथ गठजोड़ है और आप लगातार भाजपा को मजबूत करने के लिए काम कर रहे हैं। अगर आपको लगता है कि कहीं ज्यादा सम्मान मिलेगा तो आप वहां जाने के लिए स्वतंत्र हैं। पत्र जारी होने के बाद माना जा रहा है कि सपा ने राजभर की पार्टी सुभासपा से गठबंधन तोड़ने का औपचारिक एलान कर दिया है।
सपा की तरफ से पत्र जारी होने पर शिवपाल यादव ने जवाब दिया है कि वह हमेशा ही स्वतंत्र रहे हैं लेकिन समाजवादी पार्टी के पत्र ने औपचारिक रूप से स्वतंत्र कर दिया है। इसके लिए उनका आभार। शिवपाल ने कहा कि राजनीतिक यात्रा में सिद्धांत व सम्मान से समझौता अस्वीकार्य है। उन्होंने कहा कि वह जनता के बीच में रहते हैं और जनता के लिए निरंतर कार्य करेंगे। आने वाले दिनों के बारे में पूछने पर कहा कि वह जद ही इसकी घोषणा करेंगे।
राजभर ने कहा कि मैं उनको सुझाव देता रहा लेकिन उनको मेरी यही बात बुरी लगी। उनको सुर में सुर मिलाकर बात करने वाला नेता चाहिए। मैं आज भी कह रहा हूं कि वो पाल, प्रजापति और कश्यप किसी को भी पार्टी में जगह देना नहीं देना चाहते। अगर मैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलूं तो बुरा है लेकिन वो या उनके पिता मुलायम सिंह मिलें तो अच्छा है। मैं जिससे चाहता हूं उससे मिलता हूं। मेरे संबंधों पर कोई उंगली नहीं उठा सकता। अगर कोई सोचे कि मैं वही करूं जो वो कहे तो ये नहीं हो सकता। मैं किसी का गुलाम नहीं हूं।
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