Indian Army News: भारतीय सेना की थाली में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। ये बदलाव लगभग 50 साल बाद हो रहा है। 1 अप्रैल से सभी यूनिट में सभी जवानों और अफसरों की डाइट का 25% हिस्सा मोटे अनाज का होगा। सेना के आदेश के मुताबिक, बाजरा, ज्वार और रागी के इस्तेमाल की अनुमति दी गई है। अच्छे रिजल्ट आने पर अन्य अनाज को शामिल किया जाएगा।
हालांकि फिलहाल, थाली में 75% परंपरागत अनाज यानी गेहूं और चावल रहेगा। सेना के सभी समारोह, बड़े खाने व कैंटीनों में मोटे अनाज का इस्तेमाल करना होगा। छावनियों में बनी कैंटीनों में इसका अलग से काउंटर बनेगा। सेना प्रवक्ता कर्नल अमिताभ शर्मा ने बताया कि जवानों और अफसरों को अपने घरों में भी मोटे अनाज के इस्तेमाल के बारे में प्रेरित किया जाएगा। सेना के बाद अर्द्ध सैन्य बलों में भी यह व्यवस्था लागू होगी।
सेना के जवानों और अफसर मोटे अनाज को रुचि से खाएं, इसके लिए फौज के रसोइयों को विशेष रूप से ट्रेनिंग भी मिलेगीं । ट्रेनिंग में रसोइयों को बताया जाएगा कि ज्वार, बाजरा और रागी से नाश्ते, खाने और मिठाई में क्या-क्या बनाया जा सकता है। सेना के अधिकारियों ने बताया कि 1972 से पहले सेना में मोटा अनाज ही परोसा जाता था। इसके बाद गेहूं और चावल की सप्लाई होने लगी।
यूएन ने 2023 को अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज (मिलेट) वर्ष घोषित किया है। इसका प्रस्ताव भारत ने दिया था। 72 देश इसका समर्थन भी कर चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहल करते हुए 20 दिसंबर 2022 को संसद में अन्य सांसदों के साथ मोटे अनाज से बना भोजन खाया था। भारत इस वित्त वर्ष में अप्रैल से नवंबर 22 तक करीब 1.04 लाख मीट्रिक टन मोटे अनाज का निर्यात भी कर चुका है।
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