Atiq Ahmed: प्रयागराज कोर्ट द्वारा सुनाए गए फैसले के बाद अतीक अहमद को यूपी पुलिस वापस गुजरात की साबरमती जेल के लिए रवाना हो गई तो वहीं उसके भाई अशरफ को बरेली केंद्रीय कारागार जेल में शिफ्ट कर दिया गया। इसी दौरान अशरफ ने कहा कि उन्हें धमकियां मिल रही है और कहा जा रहा है कि ‘2 सप्ताह बाद निपटा दिया जाओगे’। अशरफ को अपनी हत्या कराए जाने का डर है। उसने इस संबंध में कहा कि जेल से बाहर निकालकर मेरी हत्या करवा दी जाएगी।
मैं चीफ जस्टिस, प्रयागराज चीफ जस्टिस और मुख्यमंत्री को एक बंद लिफाफे में सारी बात लिखकर भेज रहा हूं।
जब उमेश पाल ने अपहरण का मुकदमा लिखवाया था। तब भी मैं जेल में था और जब उमेश पाल की हत्या हुई तब भी मैं जेल में ही हूं। सुप्रीम कोर्ट का आदेश है की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मेरी कोर्ट में मेरी पेशी करवाई जाए फिर भी मुझे और मेरे भाई को कोर्ट ले जाया गया। मैं पिछले 3 सालों से जेल में हूं। मैं कैसे साजिश रच सकता हूं। यहां पर सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। जो भी मुझसे मिलने आता है एलआईयू के सामने मुझसे उनकी बात करवाई जाती है।
मुख्यमंत्री मेरी पीड़ा को भलीभांति समझते हैं।
उत्तर प्रदेश स्थित प्रयागराज जिले की एमपी-एमएलए कोर्ट द्वारा उमेश पाल अपहरण कांड में सजा सुनाए जाने के बाद दशकों से चले आ रहे माफिया के खौफ का अंत हुआ। अदालत द्वारा सजा सुनाए जाते ही अतीक अहमद कोर्ट परिसर में ही फूट-फूट कर रोने लगा अतीक के साथ ही उसका भाई अशरफ भी वहीं रोने लगा। इतना ही नहीं कोर्ट ले जाते समय वकीलों ने भी अतीक अहमद के साथ धक्का-मुक्की की। हालांकि अशरफ को सजा से बरी कर दिया।
उमेश पाल अपहरण मामले में मंगलवार को आए फैसले में माफिया अतीक अहमद उसके करीबी शौकत हनीफ और दिनेश पासी को जिला न्यायालय की एमपी एमएलए विशेष न्यायाधीश डॉक्टर दिनेश चंद्र शुक्ला ने दोषी बताया बता दें कि अदालत ने आईपीसी की धारा 364 ए के तहत इन लोगों को दोषी पाया और अब वह तीनों दोषियों को किसी भी समय सजा भी सुना सकती है। विशेष अदालत ने इस केस से जुड़े बाकी आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया है।