(Today is the last day of Sangh chief Mohan Bhagwat in Bareilly, people are extracting different meanings): बरेली (Bareilly) में रुहेलखंड विश्वविद्यालय के अटल सभागार में रविवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) सर संघचालक मोहन भागवत ने स्वयंसेवकों और उनके परिजनों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि जाति का भेदभाव छोड़िए। हम सभी हिंदू हैं, जो दूसरी जातियां अलग-अलग धर्म अपनाए हुए हैं। उनके पूर्वज भी हिंदू थे। हमें विभिन्न जातियों, पंथ, भाषाओं और क्षेत्रों के परिवारों के साथ मित्रवत संबंध बनाकर उनके साथ नियमित रूप से मिलन, भोजन और चर्चा करनी चाहिए। विभिन्न आर्थिक स्तर के परिवारों के बीच परस्पर सहयोग की भावना जागृत हो, स्वयंसेवकों को इसके लिए प्रयास करना चाहिए।
आज भारत अकेला ऐसा देश है जहाँ आपको देखने को मिलता है कि 5000 साल पहले किन संस्कारों के साथ लोग रहते थे , वेद आज से 12000 साल पहले भी जैसे गाये जाते थे आज भी वैसे ही सुनने को मिलते हैं, इनका संरक्षण परिवारों ने किया है। चाहे वो दरिद्र हो गए। चाहे सम्मानित हुए , मगर संस्कृति का संरक्षण किया। भागवत ने आगे कहा कि सभी हिंदू एक हैं इन्हें जातियों में बांटने की जरूरत नहीं है। संघ का काम केवल शाखा लगाना नहीं है बल्कि मातृशक्ति को भी इससे जोड़ना है , पूरा कुटुंब संघ से जुड़े यही संघ का लक्ष्य है।
वहीं आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन ने संघ प्रमुख के प्रवास को छुपा हुआ एजेंडा बताया बहरहाल संघ प्रमुख का पांच दिवसीय प्रवास बरेली ही नहीं बल्कि पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति को गरमा दिया है।
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