Braj Holi 2023: बसंत पंचमी का दिन ब्रज के लिए और भी ज्यादा खास होता है. क्योंकि आज के दिन यहां माता सरस्वती की पूजा के अलावा राधा-कृष्ण की भी पूजा की जाती है। और इसी के साथ ही ब्रज में होली के पर्व की भी शुरुआत हो गई है.
इस साल बसंत पंचमी 26 जनवरी को है, पर हर साल इसे माघ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को ये त्योहार मनाया जाता है। बसंत पंचमी को माता सरस्वती का प्राकट्य दिवस माना जाता है। आज के दिन माता सरस्वती की विशेष पूजा करी जाती है। वहीं बसंत पंचमी का दिन ब्रज के लिए और भी खास होता है। आज के दिन आराध्य ठाकुर श्री बांके बिहारी जी वृंदावन में स्थित बांके बिहारी मंदिर में अपने भक्तों के साथ होली खेलेंगे।
ब्रज में 40 दिनों तक चलेगा उत्सव
बसंत पंचमी से ब्रज के मंदिरों में रंग गुलाल उड़ाया जाता है। साथ ही बसंत पंचमी पर होली का डांडा चौराहे पर गाड़ा जाता है। जिसके बाद भगवान श्रीकृष्ण के ब्रज में 40 दिवसीय होली महोत्सव की शुरुआत हो जाती है। जिसका चलते भक्त हजारों की संख्या में देश-विदेश से ब्रज आते हैं, और होली का आनंद उठाते हैं।
जानिए क्यो है ब्रज की होली दुनियाभर में मशहूर
कहा जाता है, कि मंदिर के प्रांगण में होली खेलने वालों पर उड़ता गुलाल गिरता है, तो उन्हें ईश्वर का आशीर्वाद मिलता हैं। राधा कृष्ण के प्रेम स्वरूप खेली जाने वाली होली की धूम बरसाना, नंद गांव, मथुरा सहित वृंदावन के तमाम मंदिरों में खेली जाती है। बता दें कि ब्रज की होली दुनियाभर में प्रसिद्ध है। खासतौर पर यहां की लट्ठमार होली को देखने के लिए दूर-दूर से भक्तगण आते हैं।
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