Basti News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ-साफ निर्देश दिया है कि अधिकारियों की रैंकिंग के अनुसार ही अब उन्हें पोस्टिंग दी जाएगी। लेकिन इसका कोई खास प्रभाव नजर नहीं आ रहा है। दरअसल आलम ये है कि सामान्य इंसान की बात तो छोड़िए दिव्यांग फौजी को भी अधिकारियों से बात करने के लिए धरना का सहारा लेना पड़ रहा है। उधर सीएम का आदेश है कि अब अफसरों को कार्यशैली से तय होगा कि अधिकारी जनसमस्याओं को लेकर कितना गंभीर हैं और शिकायतकर्ताओं के प्रार्थना पत्र पर कितनी तेजी से कार्रवाई करते हैं। बस्ती के इस मामले को समझिए।
बस्ती जनपद की डीएम प्रियंका निरंजन की हनक पर अब सवाल खड़े हो रहे है। एक विकलांग रिटायर फौजी राम भुवाल न्याय के लिए भटक रहे हैं। डीएम कार्यालय पर देर रात धरने पर बैठे विकलांग शख्स की गुहार शायद डीएम के कानों तक नही पहुंच पा रही है। मीडिया से बात करते हुए रिटाय फौजी ने बताया कि उसकी जमीन पर दबंग जबरन कब्जा कर लिया है। बार-बार शिकायत करने के बावजूद तहसील प्रशासन की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। इस बात की शिकायत लेकर वे कल जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन से मिले।
इसके बाद डीएम ने तत्काल अपने मातहत अधिकारियों को कार्रवाई करने का निर्देश दिया मौजूद उसके कोई भी अधिकारी इस रिटायर फौजी की शिकायत पर जांच तक करने मौके पर ही गया। इसके बाद एक बार फिर पीड़ित रिटायर्ड फौजी राम भुवाल जिलाधिकारी से मिलकर न्याय की गुहार लगाई जिसके बाद डीएम ने एक बार फिर से अपने मातहत अधिकारी को निर्देशित किया कि तत्काल मौके पर जाकर प्रकरण का निस्तारण करें।
बावजूद इसके संबंधित अधिकारी मौके पर नहीं गए। उल्टा तहसील के जिम्मेदारों के द्वारा रिटायर फौजी को गाली गलौज देकर भगा दिया गया। जिसके बाद पीड़ित रिटायर्ड फौजी थक हारकर जिलाधिकारी कार्यालय पर धरना देने पहुंच गए। वहीं इस पूरे मामले को लेकर जब जम मीडिया बस्ती के जिलाधिकारी से बात करनी चाही तो उन्होंने फोन उठाने से बचती नजर आई। फिलहाल हरैया तहसील के एसडीएम गुलाब चंद्र रिटायर्ड विकलांग फौजी को आश्वासन दिया है कि कल वे उन के मामले का जरूर निस्तारण कर देंगे।
हमने जिलाधकारी प्रियंका निरंजन से बात करनी चाहिए तो कई बार फोन मिलाने के बावजूद उनका फोन नहीं उठा, फिलहाल हरैया तहसील के एसडीएम गुलाब चंद्र रिटायर्ड विकलांग फौजी को आश्वासन दिया है कि कल वे उन के मामले का जरूर निस्तारण कर देंगे।