Basti: सरकारी तंत्र किस तरह से काम करता है उसको देखना हो तो बस्ती चले आइए। यहां पर एक ऐसा मामला सामने आया है जो सभी को हैरान कर रहा। असल में एक खंड विकास अधिकारी रिटायर होने के बाद अपने घर पहुंचे। जहां पर उन्होंने सोचा कि बाकी को जीवन वो आराम से बिताएंगे। लेकिन जब वो गांव पहुंचे तो पता लगा कि घर को जाने वाली सड़क ही नहीं है। स्थिति देखने के बाद वो हैरान रह गए। ऐसा इसलिए हुआ क्यों कि उनके घर को जाने वाली सड़क को दबंगों ने कब्जा कर लिया था।
पूरा मामला बस्ती जिले के रहने हरिराम मौर्य की है। जो पेशे से खंड विकास अधिकारी थे। जब वो रिटायर हुए तो गांव में पहुंचे तो देखा कि उनके घर तक जाने का रास्ता ही वहां रह रहे एक दबंग नें कब्जा कर लिया है।जिसके बाद रिटायर्ड अधिकारी के होश उड़ गए। उन्हें ये समझ नही आ रहा था कि वो घर को कैसे जाएं। थक हारकर इसकी शिकायत पीड़ित ने सदर के एसडीएम से की। एसडीएम ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इसके निस्तारण के लिए टीम भेजी। लेकिन दबंग के आगे राजस्व टीम की एक न चली।जब पूरे घटना की जानकारी राजस्व टीम ने एसडीएम सदर को दी तो एसडीएम शैलेश दुबे ने मौके पर जाकर खुद रास्ते के विवाद को निस्तारण कराने का राजस्व टीम को आदेश दिया
अगले दिन एसडीएम शैलेश दुबे ने खुद मौके पर पहुंचकर कब्जे वाल रास्ते पर किए गए अतिक्रमण को को रास्ते से हटवाया और वहां के प्रधान जब्बार को आदेश दिया कि जल्द से जल्द इस रास्ते को पक्का कर दिया जाए। लेकिन ये मामला यहीं निस्तारित नहीं हुआ। रास्ता पक्का कराने के नाम पर गांव के प्रधान जब्बार ने पीड़ित हरिराम मौर्य से 50 हजार रुपये की डिमांड की। पीड़ित ने पैसा देने से इंकार कर दिया तो प्रधान ने रास्ता बनावाना बंद कर दिया। यही नहीं जो सामान रास्ता बनवाने के नाम पर लाया गया वो भी वापस करा लिया।
इस प्रकरण के बाद रिटायर बीडीयो लगातार सरकारी अधिकारियों और सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं,लेकिन अभी तक पीड़ित पूर्व अधिकारी के रास्ते का समाधान नहीं हो पाया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि जब रिटायर अधिकारी की स्थिति ये है तो आम लोगों का क्या हाल होगा साफ है।
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