India News (इंडिया न्यूज),Chitrakoot News: चित्रकूट में पत्थर से मूर्ति बनाने का काम होता है और इन पत्थरों से सभी प्रकार की मूर्तियां, मूर्ति कलाकार बनाते हैं फिर चाहे वह धार्मिक मूर्ति हो या फिर इंसानी क्यों ना हो। यह है मूर्ति कलाकारों की कला पैनी छेनी हथौड़े से तराश कर मूर्ति बनाने की कला। खुले आसमान के नीचे बैठे अपनी कला को दर्शाते ये कलाकार और इन कलाकारों की ज़िंदगी मौत को दावत दे रही है क्योंकि पत्थर से तराश कर मूर्ति कलाकार उसमें जान डालते हैं और वो भी अपनी जान की परवाह किए बैगर। पत्थर से निकलने वाला पाउडर इंसान के फेफड़ों को कमजोर कर देता है। सांस लेने में कलाकारों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है लेकिन इनके बचाव के लिए कोई इंतजाम नहीं करता है।
इस रोजगार में मेहनत ज्यादा है और आमदनी कम है। यही कारण है कि पत्थर की चट्टानों से मूर्ति बनाने वाले कलाकर अपनी कला को सजो कर रखे हैं लेकिन ज्यादातर मूर्ति कलाकार टीबी जैसी गंभीर बीमारी के चलते मौत भी हो चुकी है। मजबूर कलाकार आज भी दो वक्त की रोटी के लिए मौत को दावत दे रहे हैं। चित्रकूट के पहाड़ों से पहले पत्थर निकलते थे। अब खदानों का ठेका प्रशासन करता नहीं है। इस वजह से पत्थर को अन्य जिले से खरीदना पड़ता है वो भी बहुत महंगा।
इसी कारण कलाकारों को उनकी न तो मजदूरी मिलती है और न ही दो वक्त की रोटी मिलती है तो बदले में गम्भीर बीमारी। पत्थर से मूर्ति बनाने वाले कलाकर सरकार से मदद की मांग कर रहे हैं। फिलहाल अगर इन कलाकारों पर सरकार ने ध्यान नहीं दिया तो पत्थर में जान डालने वाले मूर्ति कलाकार धीरे-धीरे गायब हो जाएंगे।