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कांग्रेस पार्टी न राष्ट्रीय है, न भारतीय और न ही लोकतांत्रिक : जेपी नड्डा

• LAST UPDATED : May 20, 2022

इंडिया न्यूज, National News : भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने वंशवाद की राजनीति करने के लिए कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि पार्टी न तो राष्ट्रीय है और न ही भारतीय और न ही लोकतांत्रिक। नड्डा ने दिल्ली में आयोजित एक संगोष्ठी में बोलते हुए कहा कि कांग्रेस अब राष्ट्रीय पार्टी नहीं है, न ही यह एक भारतीय और लोकतांत्रिक पार्टी है। वंशवाद की राजनीति करते हुए, कांग्रेस अब भाई-बहन की पार्टी बन गई है। नड्डा के अनुसार क्षेत्रीय दल विचारधारा से रहित होते हैं और सत्ता पाने के लिए ही बनते हैं।

भाजपा में आंतरिक लोकतंत्र

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा एकमात्र ऐसी पार्टी है जो आंतरिक लोकतंत्र को बनाए रखने में सक्षम है। हमें इस विषय पर बोलने का नैतिक अधिकार है। आप लोगों ने सही व्यक्ति को सत्ता में लाने के लिए वोट दिया है। क्या कोई पार्टी एक के लिए निर्णय लेने में सक्षम है। स्वस्थ लोकतंत्र? पार्टी का स्वास्थ्य क्या है? पार्टी में नेताओं का क्या संबंध है? हमारा लोकतंत्र कहां खड़ा है? उन्होंने अन्य पार्टियों का उदाहरण देते हुए कहा कि आप देख सकते हैं कि बीजेपी किसके साथ लड़ रही है।

घाटी में पीडीपी से लड़ाई

नड्डा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में, हम पीडीपी से लड़ रहे हैं। हम उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी से लड़ रहे हैं। हम बिहार में लालू जी से लड़ रहे हैं और बंगाल में दीदी व उनके भतीजे से। इन पार्टियों का आदर्श मेरी इच्छा, मेरा शासन’ है। वंशवाद की राजनीति पर बोलते हुए नड्डा ने कहा कि बाबूजी के बूढ़े होने के बाद बेटे ने पार्टी संभाली। उड़ीसा में बीजू जनता दल, आंध्र प्रदेश में वाईएसआरसीपी, तेलंगाना में टीआरसी, तमिलनाडु में करुणानिधि परिवार, महाराष्ट्र में शिवसेना और एनसीपी हैं।

लालू बूढ़े हो गए तो बेटे ने पार्टी संभाली

नड्डा ने कहा कि जब लालू जी बूढ़े हो गए, तो उनके बेटे ने पदभार ग्रहण किया। यदि आप मानचित्र को देखें, तो महाराष्ट्र में एनसीपी की भी यही स्थिति है। इन दलों का उद्देश्य क्या है? उनकी कोई विचारधारा नहीं है। उनका काम लक्ष्यहीन है। ये सभी दल पहले क्षेत्रीय दलों के रूप में सामने आए। इसमें भी कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया गया। उन्होंने क्षेत्रीय हितों पर ध्यान नहीं दिया। क्षेत्रीय दलों में व्यक्तियों ने पार्टी को संभाला जबकि राष्ट्रीय महत्व के मुद्दे थे अलग रख दें।

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