उत्तरप्रदेश (Uttar Pradesh)के नोएडा में कफ सिरप बनाने वाली कंपनी का भंड़ाफोड़ किया गया है। जानकारी दें कि उज्बेकिस्तान में कथित रूप से 18 बच्चों की मौत के मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। कोतवाली फेज-3 का मामला सामने आया है। गाजियाबाद पुलिस ने ड्रग्स इंस्पेक्टर आशीष की शिकायत पर कम्पनी मैरियम बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। केस दर्ज करने के बाद कंपनी के ऑपरेशन हेड सहित और तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।
वहीं कंपनी के मालिक गायब बताए जा रहे है। पूरे मामले की जांच की जा रही है। पुलिस ने मैरियम बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड के ऑपरेशन हेड तुहीन भट्टाचार्य, मैन्युफैक्च रिंग केमिस्ट अतुल रावल और मूल सिंह पुत्र को बी-48 सेक्टर-67 से हिरासत में लिया गया है।
सेंट्रल नोएडा के एडिशनल डीसीपी राजीव दीक्षित ने जानकारी दी कि दर्ज केस में बताया गया कि सेक्टर 67 स्थित दवा की कंपनी मैसर्स मैरियम बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड में निर्माण होने वाले कफ सिरप को मानकों पर सही नहीं पाया गया था। कंपनी की डारेक्टर जया जैन, सचिन जैन, ऑपरेशन हेड तुहीन भट्टाचार्य, मैन्युफैक्च रिंग केमिस्ट अतुल रावल और मूल सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तूहीन भट्टाचार्य, अतुल रावत और मूल सिंह को हिरासत में ले लिया था।
मैसर्स मैरियम बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड 2022 के दिसंबर महीने में चर्चा में आई थी। जब कंपनी द्वारा निर्माण की गई सिरप पीने से उज्बेकिस्तान के 18 बच्चों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। उज्बेकिस्तान सरकार की सूचना के आधार पर भारत सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया था और कंपनी पर छापेमारी भी की थी। केंद्रीय एजेंसियों और उत्तर प्रदेश औषधि विभाग के एक दल ने बीते साल 29 दिसंबर को यहां कंपनी के जांच किए गए थे। जिसमें 36 नमूने भी बरामद की गई थी।