इंडिया न्यूज, नई दिल्ली (Kisan Andolan)। संयुक्त किसान मोर्चा यानी एसकेएम के आह्वान पर आज जंतर-मंतर पर किसानों की महापंचायत होगी। इसमें शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में किसान दिल्ली पहुंच रहे हैं। हालांकि पुलिस ने प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी है। फलतः बॉर्डर पर बैरिकेडिंग कर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। किसान दिल्ली में प्रवेश ना कर सकें इसलिए जांच के लिए भारी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है। जानकारी के अनुसार, सुबह 10 बजे से जंतर मंतर पर किसानों का धरना शुरू होगा।
समझा जा रहा है कि आंदोलन का असर दिल्ली के ट्रैफिक पर भी पड़ सकता है। फलस्वरूप ट्रैफिक पुलिस ने एडवाइजरी जारी की है। सवाल यह है कि आखिर किसान महापंचायत क्यों कर रहे हैं और उनकी मांगें क्या हैं। दरअसल, नए कृषि कानून को लेकर आंदोलन के दौरान केंद्र सरकार से पांच बिंदुओं पर सहमति बनी थी, जिसमें से सरकार ने एक भी बिंदु को पूरा नहीं किया है। इसी वजह से अन्नदाता सड़क पर उतरने की तैयारी में हैं।
महापंचायत करने वाले किसानों की कई मांगे हैं। इनमें लखीमपुर खीरी नरसंहार के पीड़ित परिवारों को इंसाफ, जेलों में बंद किसानों की रिहाई और नरसंहार के मुख्य दोषी केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी की गिरफ्तारी की मांग है। इसके अलावा स्वामीनाथन आयोग के सी2+50% फॉर्मूले के अनुसार एमएसपी गारंटी का कानून, किसानों को कर्जमुक्त किया जाए, बिजली बिल 2022 रद करने, गन्ने का समर्थन मूल्य बढ़ाने, तुरंत गन्ने की बकाया भुगतान करने, किसान आंदोलन के दौरान दर्ज सभी केस वापस लेने और अग्निपथ योजना वापस लेने की मांगें शामिल हैं।
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