इंडिया न्यूज, लखनऊ
Farmers Protest : किसान आंदोलन को लगभग एक वर्ष होने को आया है। वहीं इस बीच पीएम मोदी ने आज गुरू नानक जी की जंयती के शुभ अवसर पर तीनों काले कानूनों को वापस लेने की घोषणा कर दी है। इन्हीं तीन कानूनों को लेकर किसान लंबे समय से आंदोलन कर रहे थे।
और इतने लंबे समय तक आंदोलन को चलाना कोई बच्चों का खेल नहीं है। और वो भी तब जब इतनी बड़ी संख्या में लोग किसान आंदोलन से जुड़े हो। आज हम आपको ऐसे ही लोगों के बारे में बताएंगें। जिन्होंने किसान आंदोलन को अपने दम पर चलाए रखा। और आंदोलन को कमजोर नहीं होने दिया।
गुरनाम सिंह चढूनी
वैसे तो यह सूची बहुत लंबी है लेकिन इस सूची में सबसे पहला नाम भारतीय किसान यूनियन हरियाणा के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी का है। इनकी उम्र 60 साल है। इन्होंने इस किसान आंदोलन को हरियाणा में खड़ा करने में अहम भूमिका निभाई। गुरनाम सिंह ने हरियाणा के पीपली में किसानों पर हुए लाठीचार्ज के बाद शपथ ली थी कि अांदोलन को अब कमजोर नहीं होने देगें। और इसके बाद उन्होंने पिछे मुड़कर नहीं देखा। चढूनी पिछली बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। वो निर्दलीयी प्रत्याशी थे। (Farmers Protest)
दर्शन पाल सिंह
इस सूची में दूसरा नाम दर्शन पाल एक डाक्टर है। वहीं इस आंदोलन में उन्होंने किसान आंदोलन से किसान संगठनों को जोड़ने में अहम भूमिका निभाई। वे क्रांतिकारी किसान से जुड़े हुए हैं। उन्हें उन किसान नेताओं में गिना जाता है। जो मीडिया के सामने क्षेत्रीय और अंग्रेजी भाषाओं में भी किसानों की बात रख सकते हैं। (Farmers Protest)
बलबीर सिंह राजेवाल
वहीं इस सूची में तीसरा नाम बलबीर सिंह राजेवाल का है। बलबीर सिंह जी भारतीय किसान यूनियन के संस्थापक सदस्यों में एक हैं। उन्होंने ही भारतीय किसान यूनियन का संविधान भी लिखा है। आंदोलन को लेकर सरकार से बातचीत की में रखी जाने वाली शर्ताें को तय करने में भी इनकी अहम भूमिका रही है। वे वर्तमान में भारतीय किसान यूनियन से राजेवाल के अध्यक्ष हैं।
जोगिंदर सिंह उगराहां
इसी सूची में पंजाब के जोगिंदर सिंह का नाम आता है। जोगिंदर भारतीय किसान यूनियन उगराहां के अध्यक्ष हैं। इस सगंठन को तैयार करने में इनका बहुत बड़ा योगदार रहा है। वे रिटायर्ड फौजी हैं। उनके प्रभाव के चलते ये संगठन तेजी से लोकप्रिय हुआ। इनके ही नेतृत्व में ही सबसे ज्यादा संख्या में लोग किसान आंदोलन में जुड़े हैं।
राकेश टिकैत
इस सूची में सबसे बड़ा नाम जो उभर कर सामने आया है। वह है राकेश टिकैत का । राकेश टिकैत ने केवल पंजाब और हरियाणा में इस आंदोलन को पहुंचाया है। बल्कि उत्तर प्रदेश व देश के अन्य राज्यों में पहुंचाया है। राकेश टिकैत भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं। राकेश टिकैत उन किसान नेताओं में से एक हैं। जिन्होंने आंदोलन में किसानों की अगुवाई की है।
योगेंद्र यादव भी इस लिस्ट शामिल हैं। किसान आंदोलन को बड़ा बनाने में योगेंद्र यादव ने अहम भूमिका निभाई थी। हालांकि बाद में इन्होंने अपने आप को किसान आंदोलन से अगल कर लिया था। वे अब किसान आंदोलन का हिस्सा नहीं हैं।
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