Formers Protest: प्रदेश के मुजफ्फरनगर में किसान आंदोलन एक बार फिर उग्र होता नजर आ रहा है। जनपद के राजकीय इंटर कॉलेज के मैदान में राकेश टिकैत किसानों के साथ धरने पर जमे हुए हैं। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने 10 फरवरी को राजकीय इंटर कॉलेज के मैदान में ही एक बार फिर किसान महापंचायत आयोजित करने का ऐलान किया है।
इस महापंचायत में किसानों की विभिन्न समस्याओं को लेकर मंथन होगा। उनका कहना है कि इस महापंचायत में किसानों की विभिन्न समस्याओं को लेकर मंथन होगा। उन्होंने कहा कि सरकार अपने किए वादों को भूल रही है।
टिकैत का कहना है कि गन्ने का बकाया भुगतान, गन्ने का मूल्य का निर्धारण, आवारा पशु, सरकार द्वारा किए गए किसानों को वायदे और उनपर खरा न उतरना, बिजली बिल और ट्यूबवेल ऑफर बिजली मीटर के मामले, एमएसपी पर कानून, विभिन्न आंदोलन में मारे गए किसानों को मुआवजा चाहे मामला गाजीपुर बॉर्डर का हो या फिर लखीमपुर खीरी इन मुद्दों पर चर्चा होगी।
उनका कहना है कि 10 फरवरी को होने वाली किसान महापंचायत में यह भी तय होगा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में गाजीपुर बॉर्डर पर फिर धरना दिया जाएगा या फिर किसान लोगों के घर-घर जाकर सरकार की गलत नीतियों के बारे में बताएंगे। इस दौरान किसान नेता युद्धवीर सिंह ने कहा कि सरकार ने कोई भी वादा पूरा नहीं किया और जब हम गाजीपुर बॉर्डर से धरना खत्म करके आए थे।
हमने उसी समय कहा था कि किसान वापस लौट आएगा। अब फिर समय आ गया है। आज हम राजकीय इंटर कॉलेज के मैदान में हैं और संयुक्त किसान मोर्चा अगर आव्हान करेगा तो फिर दूसरा निर्णय भी लिया जा सकता है। लखीमपुर खीरी मामले में भी सरकार ने अभी मृतकों को मुआवजा नहीं दिया है जबकि अन्य प्रदेशों की सरकारों ने अपना वादा पूरा किया है।
ये भी पढ़ें- Hardoi : MLC Election में मिली करारी शिकस्त पर बोले अखिलेश, बीजेपी कोई भी चुनाव बिना धांधली नहीं जीत सकती