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Gorakhpur News: आज गोरखपुर पहुंचेंगी देवशिलाएं, सीएम योगी करेंगे स्वागत

• LAST UPDATED : January 31, 2023

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज मंगलवार को गोरखनाथ मंदिर (Gorakhnath Temple) में शालिग्राम की देवशिलाएं का स्वागत करेंगे।

Gorakhpur News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) मंगलवार यानी 31 जनवरी को गोरखपुर के दौरे पर आ रहे है। जहां, वे दोपहर के करीब तीन बजे गोरखनाथ मंदिर (Gorakhnath Temple) पहुंचेंगे।

अपको बताते है कि वे नेपाल (Nepal) से आ रही शालिग्राम देवशिलाएं का स्वागत करेंगे। जो कि नेपाल की काली गंडकी नदी से निकली है। यह छह करोड़ वर्ष पुरानी 26 टन और 14 टन की शालिग्राम पत्थर है। जो देवशिला रथ से शाम चार बजे कुशीनगर से गोरखपुर में प्रवेश करेंगी।

बुधवार 2 फरवरी को होगी पूजाअर्चना

देव सिलाई शाम पांच बजे शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए गोरखनाथ मंदिर पहुंचेगी और उसके बाद इसका भव्य स्वागत पीठाधीश्वर के रूप में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे। बता दें कि अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर में स्थापित की जाने वाली भगवान राम और सीता माता की प्रतिमा के लिए शिलाएं नेपाल से लाई जा रही हैं। वहीं, देव शिलाओं के साथ नेपाल से 100 संत और प्रबुद्ध जन भी आ रहे हैं। इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार 2 फरवरी की सुबह 7:30 बजे पूजन अर्चन के बाद इन सेनाओं को अयोध्या के लिए रवाना करेंगे।

कोन-कोन से कार्यक्रमों में होंगे शामिल

दरअसल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करीब 11 बजे एनेक्सी भवन सभागार में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के तहत करीब 65 हजार करोड़ के निवेश की जमीन तैयार करेंगे। जहां, इस जिला स्तरीय निवेशक सम्मेलन में 300 दिन में जनप्रतिनिधि और गणमान्य लोग सम्मिलित होंगे। बस इतना ही नही, फिर वह भटहट के पिपरी में महायोगी गुरु गोरखनाथ राज्य विश्वविद्यालय के आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथी की ओपीडी का शुभारंभ करने जाएंगे। बता दें कि यहां पर सिएम योगी 10 हजार लोगों को संबोधित करेंगे।

शालिग्राम शिलाखंड क्या है?

अयोध्या में बने जाने वाली भव्य राम मंदिर में स्थापित की जाने वाली भगवान राम और सीता माता की प्रतिमा के लिए शिलाएं नेपाल से मंगवाई जा रही हैं। ये शालिग्राम शिलाखंड हैं जो कि नेपाल की गंडकी नदी में पाए जाते हैं। इसको भगवान विष्णु की प्रतिमूर्ति माना जाता है। इसी पत्थर को हिंदू धर्म के लोग अपने मंदिरों और पूजा घरों में ठाकुरजी कि मूर्ति बनते हैं।

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