गोरखपुर का रहने वाला एक व्यक्ति कभी अपराध की दुनिया में बदनाम था। गोरखपुर अब विकास, रोजगार, शिक्षा ने इसको नई पहचान दी है। जो कभी अपराध करते थे आज वह प्रभु का नाम जपते हैं। वे अपनी बदलती जिंदगी कोे देखकर बहुत खुश हैं।
हिस्ट्रीशीटरों ने बोला कि अपराध की दुनिया छोड़ कर पता चल कि जिंदगी और इज्जत किसे कहते है। पुलिस के डर से भागते रहना कितना मुश्किल था। मेरे घर वाले भी दिन रात परेशान रहते थे। रिश्तेदारों ने भी मेरे घर से दूरी बना ली थी। लेकिन अभी के समय में सब मदद करते हैं।
चौरीचौरा में 102 हिस्ट्रीशीटर
गोरखपुर जिले के अंदर चौरीचौरा थाने में अधिक से अधिक 102 हिस्ट्रीशीटर की संख्या है। इनमें से 12 निष्क्रिय तरीके से हैं। कोतवाली थाने के अंतर्गत 46, राजघाट में 49, तिवारीपुर में 47, कैंट में 28, खोराबार में 58, रामगढ़ताल में 20, गोरखनाथ में 62, शाहपुर में 47, कैंपियरगंज में 53, पीपीगंज में 62, सहजनवां में 38, गीडा में 47, चिलुआताल में 63, झंगहा में 82, पिपराइच में 81, गुलरिहा में 46, बांसगांव में 73, गगहा में 79, बेलीपार में 51, गोला में 51, बड़हलगंज में 88, उरुवा बाजार में 40, बेलघाट में 28, खजनी में 75, सिकरीगंज में 48 और हरपुर बुदहट में 39 हिस्ट्रीशीटर हैं।