India News (इंडिया न्यूज़),Gyanvapi Case: ज्ञानवापी परिसर स्थित वजूखाने में गंदगी करने और शिवलिंग जैसी आकृति पर विवादित बयान देने से हिंदुओं की भावना आहत करने को लेकर अखिलेश यादव, असदुद्दीन ओवैसी समेत अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग वाले प्रार्थना पत्र पर अपर जिला जज नवम विनोद कुमार सिंह की अदालत दाखिल निगरानी अर्जी पर शनिवार 17 जून को सुनवाई करेगी। बता दें कि निगरानी अर्जी करने वाले हरिशंकर पांडेय को निचली अदालत ने पहले ही झटका दिया है। वहां से झतके के बाद ही पांडे अपर अदालत में याचिका दाखिल की है।
हरिशंकर पांडेय के मुताबिक, ज्ञानवापी परिसर अराध्य देव शिव का स्थल है। शिवलिंग को लेकर एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव सहित कुछ अन्य नेताओं ने गलत बयानबाजी की थी। जिससे हिंदुओं की भावनाएं आहत हुई थीं। इसलिए उन्होंने कहा था कि अखिलेश यादव, ओवैसी व अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के पदाधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए।
दरअसल पिछले साल ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे के दौरान जब मस्जिद से शिवलिंग मिलने का दावा किया गया था। तब समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक बयान दिया था। जिसमें उन्होंने कहा कि “अगर किसी पीपल के पेड़ के नीचे पत्थर रख दिया जाए और एक झंडा लगा दिया जाए तो वो मंदिर बन जाता है।” इसके साथ ही उन्होंने अयोध्या मामले का जिक्र करते हुए कहा था कि “रात के अंधेरे में मूर्तियां रख दीं जाती है।” वहीं दूसरी ओर एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने ज्ञानवापी में मिले ढांचे को शिवलिंग की बजाय पानी का फव्वारा कहा था। याचिकाकर्ता हरि शंकर पांडे ने सपा अध्यक्ष और असदुद्दीन ओवैसी के इसी बयान पर ही कोर्ट में अपनी आपत्ति जताई थी। जिसके बाद कोर्ट ने अब दोनों नेताओं को नोटिस भेजा है।