India News(इंडिया न्यूज़),Gyanvapi Case: बुधवार 31 मई को हिंदु पक्ष के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट से एक बड़ा फैसला आया। दरअसल ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी केस में जिला जज की अदालत के आदेश को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जस का तस रखते हुए हिंदु पक्ष में फैसला सुनाया। इसके साथ ही अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की पुनरीक्षण याचिका को खारिज कर दिया। इस पर हिंदू पक्ष की ओर से बुधवार को खुशी जताई गई। साथ ही कहा कि इस अब न्यायिक लड़ाई को और मजबूती और जोर-शोर के साथ लडे़ंगे। बता दें इससे पहले वाराणसी जिला जज की अदालत ने भी बीते 8 महीने पहले कहा था कि ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी का मामला सुनने योग्य।
जिला जज की अदालत ने 12 सितंबर 2022 को 26 पन्ने के आदेश को 10 मिनट में सुनाया था। उन्होंने अयोध्या के राम मंदिर विवाद का हवाला देते हुए कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्धारित किया था कि जो संपत्ति किसी में एक बार निहित हो गई, बाद में मूर्ति को तोड़फोड़ देने या अवैध कब्जा लेने मात्र से उसके स्वामित्व में परिवर्तन नहीं आता है।दरअसल 12 सितंबर 2022 को हुई सुनवाई में वाराणसी जिला अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में देवी देवताओं की पूजा की मांग को लेकर की गई पाँच महिलाओं की याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया था। साथ ही कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की अपील को खारिज कर दिया था। अब इसी फैसले को इलाहाबाद हारईकोर्ट ने भी बरकार रखा है।पांच वादिनी महिलाओं की याचिका पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम 1991, वक्फ अधिनियम 1995 और यूपी श्री काशी विश्वनाथ मंदिर अधिनियम के तहत बाधित नहीं है। जिला जज की कोर्ट के इस आदेश को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बरकरार रखा है।