India News(इंडिया न्यूज़), Gyanvapi Survey : उत्तर प्रदेश के वाराणसी का ज्ञानवापी मामला गरमा रहा है। ज्ञानवापी से संबंधित मामलों पर बुधवार को सुनवाई करते हुए वाराणसी जिला न्यायालय ने अहम फैसला किया है। कोर्ट ने कहा है कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI ) की रिपोर्ट आज सार्वजनिक की जाए और दोनों पक्षों को हार्ड कॉपी दी जाएगी।
हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि आज, अदालत ने दोनों पक्षों को सुना और आम सहमति बनी कि ASI की रिपोर्ट की हार्ड कॉपी दोनों पक्षों को प्रदान की जाएगी। हालांकि ASI ने रिपोर्ट प्रदान करने पर आपत्ति जताई है। लेकिन दोनों पक्ष को रिपोर्ट की हार्ड कॉपी मिलेगी।
दोनों पक्षों को सुनने के बाद इस बात पर सहमति बनी कि ASI रिपोर्ट की प्रमाणित प्रति दोनों पक्षों को उपलब्ध कराई जाएगी। जैसे ही अदालत आदेश पारित करेगी, हमारी कानूनी टीम प्रमाणित प्रति के लिए आवेदन करेगी।
इससे पहले 16 जनवरी को, सुप्रीम कोर्ट ने हिंदू महिला याचिकाकर्ताओं के एक आवेदन को स्वीकार कर लिया था। जिसमें ज्ञानवापी मस्जिद के ‘वजुखाना’ के पूरे क्षेत्र को साफ करने और स्वच्छता की स्थिति बनाए रखने के निर्देश देने की मांग की गई थी, जहां कथित ‘शिवलिंग’ पाया गया था।
भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत के पिछले आदेशों को ध्यान में रखते हुए, जिला प्रशासन वाराणसी की देखरेख में ‘वज़ुखाना’ क्षेत्र की सफाई की जाएगी। ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन समिति ने कहा कि वह पानी की टंकी की सफाई का समर्थन करती है, जिसे शीर्ष अदालत के आदेश पर लगभग दो साल से सील कर दिया गया है।
काशी विश्वनाथ मंदिर में 16 मई, 2022 को मस्जिद के बगल में स्थित मस्जिद के अदालत-आदेशित सर्वेक्षण के दौरान, मस्जिद परिसर में एक संरचना पाई गई। जिसे हिंदू पक्ष ने “शिवलिंग” होने का दावा किया और मुस्लिम पक्ष ने “फव्वारा” होने का दावा किया।
ज्ञानवापी मस्जिद का ‘वज़ू’ क्षेत्र इस मामले में हिंदुओं और मुस्लिम पक्षों के बीच ज्ञानवापी मस्जिद-काशी विश्वनाथ मंदिर विवाद का केंद्र है क्योंकि हिंदू पक्षों का दावा है कि उस स्थान पर ‘शिवलिंग’ पाया गया है। हालांकि, मुस्लिम पक्ष इस पर विवाद करता है। यह। ऐसा करते हुए उन्होंने कहा कि ये तो बस एक पानी का फव्वारा है।
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