आज कल के गलत जीवनशौली से होने वाली लापरवाहियों के कारण लोगों में कई तरह की शारीरिक और मानसिक समस्याएं बढ़ती हैं। वहीं ध्यान रखने वाली बातें यह है कि कई ऐसी अनेक बीमारियों से लोग ग्रसित होने लगे हैं। घंटो गाने सुनने, फोन पर बातें करने से सुनने से हमारी कान प्रभावित होती है। शोध के अनुसार भारत में वधिर और सुनने में अक्षमता वाले लोगों का आंकड़ा 63 मिलियन बताया जा रहा है।
वहीं अगर बात की जाए स्वास्थ्य विशेषज्ञों की तो बिगड़ते जीवनशैली और आहार में पौष्टिकता की कमी इससे बढ़ते आंकड़े भी शामिल है। कान शरीर के एक बहुत नाजुक अंगों में से एक है। कानों की देखभाल सावधानी से करने की हमें जरूरत होती है।
धूम्रपान को सेहत के लिए नुकसानदायक बताया जाता है। धूम्रपान आपके हृदय और फेफड़ों को तो प्रभावित करता ही है। साथ में आपके कानो को भी प्रभावित करता है। अध्ययनों के अनुसार धूम्रपान में पाया जाने वाला निकोटिन कानों में रक्त संचार पर असर डालता है। जिससे कान की नाजुक कोशिकाओं को नुकसान हो सकता है।
आज कल की दुनिया में ईयरफोन-हेडफोन का इस्तेमाल जरूरत से ज्यादा ही लोग करने लगे हैं। रास्ते में चलते हुए भी लोग ईयरफोन का इस्तेमाल करते हैं। वहीं तेज संगीत कानों के पर्दे को नुकसान पहुंचाता है। साथ ही कानों में लगातार ईयरफोन लगे रहने से ध्वनि तेज वॉल्यूम में कानों तक पहुंचती है। लेकिन वहीं ईयरफोन या ईयरबड्स की तुलना में हेडफोन ज्यादा सुरक्षित माना जाता है। क्योंकि 60 प्रतिशत या उससे कम वॉल्यूम स्तर पर ही हेडफोन का इस्तेमाल करना सेफ माना जाता है।