होम / Holi 2023 : आखिर झांसी में एक दिन बाद क्यों खेली जाती है ‘होली’, जानें इसका अध्यात्मिक और ऐतिहासिक कारण

Holi 2023 : आखिर झांसी में एक दिन बाद क्यों खेली जाती है ‘होली’, जानें इसका अध्यात्मिक और ऐतिहासिक कारण

• LAST UPDATED : March 2, 2023

(After all, why is ‘Holi’ played after one day in Jhansi, know its spiritual and historical reason): होली का त्योहार पूरे देशभर में बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। जहां इस साल भी 8 मार्च को होली (Holi ) मनाने की तैयारी कर ली गई हैं। लेकिन बता दें की, उत्तर प्रदेश की ऐतिहासिक धरती झांसी में एक दिन बाद होली मानाई जाती है। यहे एक ऐसा शहर है, जहां होली के दिन रंग और गुलाल से खेलने की परंपरा नहीं है। यहां के रहनेवाले लोग होली के 2 दिन एक दूसरे  को रंग और गुलाल लगाते हैं। वही होली के दिन तो वह लोग रंग या गुलाल छूते भी नहीं है। बता दें की इसके पीछे अध्यात्मिक और ऐतिहासिक दोनों ही कारण हैं।

एक दिन बाद होली मनाने का क्या है राज़

यहां के स्थानीय निवासी और जानकार मानते हैं कि अध्यात्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान विष्णु ने नरसिंह अवतार लेकर जिस दिन ही हिरण्यकश्यप को मारा था, वह होली का दिन था। जिस वजह से उस दिन बहुत भारी हिंसा हुई थी। इस वजह से झांसी में उस दिन होली नहीं खेली गई और इसी के बाद से झांसी में होली को एक दिन बाद मनाया जाता है। जिसके बाद से होली के अगले दिन रंग और गुलाल से होली खेलने की परंपरा शुरू हो गई थी।

एक दिन बाद होली मनाने की पारंपरिक धारणा

इसके साथ ही एक ऐतिहासिक कारण और भी है। झांसी के राजा गंगाधर राव का देहांत 21 नवंबर 1853 को हुआ था। जहां झांसी का हर निवासी राजा गंगाधर राव को अपने परिवार का एक सदस्य मानते थे और इसलिए हिंदू मान्यताओं के अनुसार जब परिवार में किसी का देहांत होता है तो उसके बाद अगले 1 साल तक परिवार में कोई त्योहार नहीं मनाया जाता है। इसी वजह से होली के दिन रंग नहीं खेला जाता है और इसके बाद से ही झांसी में होली के 1 दिन बाद ही रंग खेलने की परंपरा शुरू हो गई थी।

ये भी पढ़ें- Umesh Pal Murder Case: अतीक अहमद की पत्नी ने अपनी चिट्ठी से CM योगी और हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस से की बड़ी मांग, जानिए पूरा मामला

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT
mail logo

Subscribe to receive the day's headlines from India News straight in your inbox