इंडिया न्यूज, नई दिल्ली/इस्लामाबाद।
Imran Khan Farewell in Pakistan : पाकिस्तान में सत्ता की राजनीति में इमरान खान का विकेट गिर चुका है। नेशनल असेंबली ने ऐतिहासिक अविश्वास प्रस्ताव के जरिए इमरान को पीएम पद से हटा दिया है। अब पाकिस्तान में प्रधानमंत्री की कुर्सी पर शहबाज शरीफ के बैठने के आसार हैं। शहबाज पाकिस्तान के तीन बार पीएम रह चुके नवाज शरीफ के छोटे भाई हैं। पाकिस्तान की राजनीति में भारत का हमेशा से अहम स्थान रहा है। पाकिस्तान की सत्ता से इमरान खान की विदाई और शरीफ परिवार की संभावित वापसी के भारत के लिए क्या मायने हैं, आइए समझते हैं।
पाकिस्तान के संविधान को 10 अप्रैल 1973 को संसद की मंजूरी मिली थी। अब ठीक 49 साल बाद 10 अप्रैल को ही नैशनल असेंबली ने 174 वोटों के बहुमत से पहली बार देश के किसी पीएम को कुर्सी से हटा दिया है। इमरान खान का पीएम की कुर्सी तक पहुंचना भी शानदार था क्योंकि उन्होंने मुख्यधारा के दोनों राजनीतिक दलों से इतर अपना रास्ता बनाया था। इमरान के आने से पहले पाकिस्तान में जब-जब सेना के अलावा कोई सत्ता में बैठा, वो पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) या पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी का ही नेता था।
भारत से 1947 में अलग होकर पाकिस्तान के अस्तित्व में आने से बाद दोनों देशों के बीच अब तक तीन बार जंग हो चुकी है। इनमें से दो बार तो कश्मीर को लेकर दोनों युद्ध के मैदान में उतरे। कश्मीर को लेकर पाकिस्तान की सनक किसी से छिपी नहीं है। इमरान खान ने भी अपने कार्यकाल के दौरान कश्मीर विवाद को संयुक्त राष्ट्र सहित कई मंचों पर उठाया, लेकिन हर बार उन्हें नाकामी हाथ लगी। भारत शुरू से कहता रहा है कि जम्मू कश्मीर हमेशा से भारत का अभिन्न अंग था, है और आगे भी रहेगा।
इमरान खान के 2018 में पाकिस्तान की सत्ता में आने के बाद भारत से उसके रिश्ते खराब ही हुए। फरवरी 2019 में पुलवामा में आत्मघाती हमला करके पाकिस्तानी आतंकियों ने सीआरपीएफ के 40 जवानों की जान ले ली थी। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान में घुसकर बालाकोट में आतंकी शिविरों पर सैन्य कार्रवाई कर दी थी। इससे इस कदम से पाकिस्तान ही नहीं, पूरी दुनिया हैरान थी। इसके अगले दिन पाकिस्तान ने भारत के विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान को पकड़ लिया, हालांकि भारत के दवाब में उन्हें रिहा करना पड़ा।
(Imran Khan Farewell in Pakistan)