उत्तरप्रदेश के कानपुर के जाजमऊ आगजनी के मामले को लेकर एमपीएमएलए सेशन न्यायलय के न्यायाधीश सत्येंद्र नाथ त्रिपाठी की कोर्ट में बीते दिन समाजवादी पार्टी के विधायक इरफान सोलंकी और उनके भाई रिजवान के साथ पांच और लोगों के खिलाफ सुनवाई हुई है। जिसके बाद सोलंकी को वापस भेजा गया।
इरफान को महाराजगंज जेल से कड़ी सुरक्षा के बीच कानपुर लाया गया था। वहीं, रिजवान, मोहम्मद शरीफ, शौकत अली व इसराइल आटे वाला को कानपुर जेल से ही अदालत लाया गया था। अभियोजन की तरफ से FIR दर्ज करने वाले एफआईआर लेखक संजीव कुमार को गवाही देने के लिए बुलाया गया था।
इरफान की तरफ से अदालत में एक प्रार्थना पत्र दिया गया है। जिसमें आगे की तारीख की मांग की गई है। कोर्ट ने 20 मार्च की तारीख दी है। वही फर्जी आधार कार्ड से हवाई यात्रा किए जाने को लेकर एमपी एमएलए लोअर कोर्ट में आज के दिन भी सजा देने का निर्णय नहीं लिया गया।
जानकारी दें कि पेशी करके लौटते समय परिवार से मिलने न दिए जाने पर इरफान आग बबुला हो गए। पुलिस पर गुस्सा करते हुए मीडिया वालों के सामने इरफान ने अपना दर्द बयान किया और कहा कि मेरे परिवार वालों को क्यों परेशान कर रहे हो। मेरे परिवार को परेशान करना बंद कर दो। जब परिवार से मिलने नहीं दे रहे हो तो बुलाते ही क्यों हो। यदि सरकार को मेरा इस्तीफा चाहिए तो मैं देने को तैयार हूं। लेकिन मेरे परिवार को परेशान करना बंद कर दो।
बता दें कि इरफान को महाराजगंज जेल में बंद कर रखा गया है। यदि वहां जाएं तो काफी दूर से मिलने को कहा जाता है। यदि कोर्ट में आओ तो मुलाकात नहीं करने दी जाती है। एक- एक हफ्ते में अदालत में पेशी की जा रही है। बहुत परेशान हो गई हुं। वहीं बच्चों के बोर्ड के एग्जाम भी हैं।