Jalaun: एक तरफ प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठ रहें हैं। वहीं एक और ऐसी तस्वीर सामने आई है जिससे स्वास्थ्य व्यवस्था पर फिर से सवाल खड़े हो रहें हैं। ऐसा ही एक मामला आया है प्रदेश के जालौन जिले से। दरअसल जालौन के कुठौंद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बिना एक्सपायरी की सरकारी दवा मिलने से हड़कंप मच गया है। यहां पर बोतल कूड़ेदान में पड़ी मिलने से स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया।
मिली जानकारी के अनुसार यह दवा मरीजों के बेहतर इलाज के लिए अस्पताल भेजी गई थी। सरकारी अस्पताल के बाहर कूड़ेदान में दवा देख इलाज कराने आए मरीजों ने इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दी है। दवा कूड़ेदान में पड़ी होने की जानकारी के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी जांच करने की बात कह रहे हैं।
यूपी सरकार के डिप्टी सीएम व स्वास्थ्य मंत्री बृजेश, यूपी की जनता के स्वास्थ्य के लिये सरकारी अस्पतालों में दवाओं की कोई कमीं न हो इसके लिए प्रयास कर रहे हैं। सरकार की ओर से करोड़ों रूपये की दवा सरकारी अस्पतालों व डिस्पेंसरियों में भेजी जाती है। लेकिन सरकारी अस्पताल को जनता से कोई सरोकार नहीं है। सरकारी अस्पतालों व डिस्पेंसरियों में ज्यादातर गरीब लोग चेकअप के लिए जाते हैं। जहां ये दवाइयां उन्हें मुफ्त में मिलनी चाहिए। लेकिन गरीब जनता तक दवाइयां बहुत ही कम पहुंचती है।
अस्पताल के चिकित्सक अस्पतालों में दवा न होने की बात कहकर बाहर की दवा लिखते है और अस्पतालों की बिना एक्सपायरी दवा को बाहर कूड़े के ढेर में फेंक दिया जाता है। ऐसा ही नजारा कुठौंद के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बाहर बने कूड़े में देखने को मिला। यहां पर दवाइयों पर मई 2023 तक की दवा पड़ी थी। यह दवाइयों रोजमर्रा इस्तेमाल होने वाली थी। ज्यादातर दवाइयां सीरप में थी जो बिना एक्सपायरी के कूड़ेदान में पड़ी हुई थी। इस बारे में जब वहां पर तैनात डॉक्टर से जानकारी लेनी चाही तो उन्होंने मीडिया से मिलने के लिए इंकार कर दिया जबकि
जालौन के सीएमओ डॉक्टर नरेंद्र देव शर्मा से इस बारे में जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि उन्हें इस बारे में जानकारी हुई है। इस मामले की जांच कराई जाएगी साथ ही इसमें जो भी कर्मचारी या अधिकारी दोषी होगा उस पर कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने बताया कि दवाइयों बिना एक्सपायरी डेट की है जो मई 2023 तक उपयोग में लाई जा सकती थी। यह कूड़े के ढेर में कैसे पहुंची या किसी की साजिश से यह दवा फेंकी गई है। उसकी भी जांच की जायेगी, दवाईयां कीमती है जिसकी भी लापरवाही है उससे रिकवरी भी की जाएगी।
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