India News (इंडिया न्यूज़) Jhansi Kila Special Story : अगर आप घूमने का प्लान बना रहे हैं तो उत्तर प्रदेश के झांसी में स्थित किले का नाम जरूर शामिल करें। जहाँ झाँसी की रानी ने अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित कर दिया था। इसके साथ ही उन्होंने अपनी सल्तनत की खातिर अपने शरीर का भी बलिदान दे दिया।
झाँसी सहित बुन्देलखण्ड की खूबसूरती पर्यटकों को खूब भाती है। इसीलिए झाँसी को घरेलू पर्यटकों की पसंद वाले टॉप-5 शहरों में शामिल किया गया है। उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग की इस साल की रिपोर्ट इसकी पुष्टि करती है।
पर्यटकों को आकर्षित करने के मामले में झाँसी ने अपने ताज महल के लिए विश्व प्रसिद्ध आगरा को भी पीछे छोड़ दिया है। झाँसी की पहचान रानी लक्ष्मीबाई के नाम से होती है। रानी की वीरता का लोहा पूरी दुनिया मानती है। झाँसी भारतीय इतिहास के सबसे समृद्ध शहरों में से एक है।
यहां की वास्तुकला इतिहास प्रेमियों के बीच काफी पसंद की जाती है। एकांत और खूबसूरत माहौल की तलाश करने वाले लोगों को भी यह जगह पसंद आती है। हालांकि, ज्यादातर लोग यहां रानी लक्ष्मीबाई का किला देखने आते हैं। इसके अलावा, कई पर्यटक रानी महल और राजा गंगाधर राव की समाधि स्थलों पर भी जाते हैं।
इतिहास के पन्नों में वीरता की नगरी के रूप में दर्ज झाँसी में पर्यटकों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। यूपी पर्यटन विभाग की वार्षिक रिपोर्ट भी इसकी पुष्टि करती है। बड़े शहरों को पछाड़कर झाँसी पर्यटकों की पसंद का यूपी का पांचवा शहर बन गया है।
क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी कीर्ति ने बताया कि एक साल में 1.65 करोड़ घरेलू पर्यटक झांसी घूमने आए हैं। पिछले सालों की रिपोर्ट देखें तो पता चलेगा कि हर साल संख्या तेजी से बढ़ रही है।
झाँसी में घरेलू पर्यटकों के आने का मुख्य कारण मध्य प्रदेश से सटे दो धार्मिक शहर हैं। शहर के एक तरफ ओरछा में रामराजा सरकार हैं तो दूसरी तरफ दतिया में मां पीतांबरा हैं। ओरछा और दतिया दोनों स्थानों पर न केवल देशी बल्कि विदेशी पर्यटक भी घूमने आते हैं। ओरछा में शीश महल और बेतवा नदी की सुंदरता भी पर्यटकों को आकर्षित करती है। इसके अलावा पर्यटक झाँसी के सुकुवां-ढुकुवां, पारीछा, पहूज और माताटीला बांधों का भी दौरा करते हैं।
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