NCERT ने अपने पाठ्यक्रम में संशोधन किया है। विभाग के इस फैसले से पक्ष विपक्ष के बीच वार पलटवार शुरू हो गया है। माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी ने कहा कि ये फैसला सरकार का नही है बल्कि एनसीईआरटी ने अपने हिसाब से फैसला लिया है। वहीं सपा प्रमुख ने सरकार पर निशाना साधने का काम किया है। आईए जानते है वो कौन से पाठ्यक्रम हैं जिनको एनसीईआरटी ने बदला है।
एनसीइआरटी ने कक्षा बारह के हिन्दी पाठ्य-पुस्तक से सूर्यकांत त्रिपाठी निराला, केशवदास जैसे कवियों की कविता को पाठ्यक्रम से हटा दिया है। उत्तर-प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद बोर्ड ने भी 2023-2024 सत्र के लिए संशोधित पाठ्यक्रम जारी कर दिया है। सोमवार को एनसीइआरटी ने कक्षा बारवीं के छात्रों के हिन्दी विषय की पाठ्य-पुस्तक में से कई सुप्रसिध्द कवियों की रचना को पाठ्यक्रम से हटा दिया है। एनसीइआरटी
ने इस संशोधन के पीछे का कारण कोविड-19 को बताया है। क्योंकि लम्बे समय से विद्यालय बंद होने के कारण , छात्रों पर ज्यादा पाठ्यक्रम का काफी भार हो गया था ,जिसके चलते यह कदम उठाया गया है ।
संशोधन कर जो पाठ हटाये गए है उनमें से सहर्ष स्वीकारा है, फिराक गोरखपुरी – गजल, चार्ली चैपलिन यानी हम सब, नमक, डायरी के पन्ने, सूर्यकांत त्रिपाठी निराला- गीत गाने दो मुझे, विष्णु खरे- एक कम, सत्य , केशवदास की रचना रामचन्द्रिका, घनानंद-सवैया, ब्रजमोहन व्यास-कच्चा चिट्ठा, राम विलास शर्मा -यथास्मै, रोचते् विश्वम् , संजीव-आरोहण सम्मिलित है।
उल्लेखनीय है कि उपर्युक्त पाठों में से कुछ को संपूर्ण अध्याय हटाया गया है जबकि कुछ पाठों में से आंशिक अध्याय हटाया गया है। इसके पहले भी एनसीइआरटी अन्य विषयों के पाठ्यक्रम में भी संशोधन कर चुकी है। जिसमें कक्षा बारह के इतिहास विषय से मुगल साम्राज्य अध्याय को हटा दिया था।