इंडिया न्यूज: (Rahul Gandhi’s membership of Parliament terminated) शुक्रवार को कांग्रेस के सांसद रहे राहुल गांधी की संसद की सदस्यता भी रद्द कर दी गई है। जिसे लेकर पार्टी के कार्यकर्ताओ नें सड़कों पर उतर कर अपना आक्रोश व्यक्त किया है। और सरकार के खिलाफ जमकर प्रर्दशन भी शुरु कर दिया।
साल 2019 मामले में ‘मोदी सरनेम’ को लेकर राहुल गांधी की एक टिप्पणी से जुड़े विवाद पर कल यानी शुक्रवार को राहुल गांधी की संसद की सदस्यता समाप्त की जा चुकी है। जिसे लेकर पुरे देश में एक बार फिर सियासी हवा फैलने लगी है। जिसके विरोध में कोटद्वार में भी कांग्रेसियों नें सड़कों पर उतर कर अपना आक्रोश व्यक्त किया है। कोटद्वार कें झंडा चौक पर केंद्र सरकार कें खिलाफ नारेबाजी करते हुए कांग्रेसी कार्यकर्ताओ नें भाजपा सरकार का पुतला फूंका। इस दौरान कांग्रेसी नेताओं नें केंद्र सरकार पर एक साजिश कें तहत राहुल गाँधी की लोक सभा सदस्यता समाप्त करवाने का आरोप लगाया।
बता देंं, मामला साल 2019 से जुड़ा है। जब ‘मोदी सरनेम’ को लेकर राहुल गांधी ने एक टिप्पणी की थी। जिसमें उन्होंने नीरव मोदी, ललित मोदी और अन्य का नाम लेते हुए कहा था, “कैसे सभी चोरों का सरनेम मोदी है?” जिसके बाद से इस मामले ने तूर पकड़ लिया था। जिसके बाद सूरत पश्चिम के बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल के खिलाफ मानहानि का केस कर दिया था। बीजेपी विधायक ने राहुल गांधी पर आरोप लगाया कि इन्होंने हमारे पूरे समाज को चोर कहा है जिससे हमारे समाज की मानहानि है। इसके बाद राहुल गांधी केस की सुनवाई में तीन बार कोर्ट में पेश भी हुए थे। वहीं, अक्टूबर 2021 में आखिरी पेशी के दौरान उन्होंने खुद को निर्दोष भी बताया था।
जिसके बाद इस मामले में राहुल गांधी को सूरत कोर्ट ने गुरुवार को दोषी करार दिया। सूरत कोर्ट ने उन्हें 2 साल की सजा और 15 हजार का जुर्माना भी लगाया। जैसे ही उन्हें 2 साल की सजा सुनाई उसके कुछ देर बाद उसी कोर्ट ने उन्हें 30 दिन के लिए जमानत भी दे दी। बताते चलें की मानहानि मामले में 2 साल की जेल अधिकतम सजा है। यानी की मानहानि मामले इससे ज्यादा सजा नहीं दी जा सकती है।
वहीं, शुक्रवार को वायनाड(Wayanad) से कांग्रेस के सांसद रहे राहुल गांधी की संसद की सदस्यता भी रद्द कर दी गई है। बता दें, कल यानी (24 मार्च) को लोकसभा सचिवालय ने की तरफ से नोटिफिकेशन जारी किया गया। जिसमे इस बात की जानकारी दी गई थी। वहीं, सचिवालय की ओर से बताया गया कि साल 2019 में मानहानि के मामले में गुजरात की सूरत कोर्ट के दोषी ठहराए जाने और सजा सुनाए जाने के बाद से कांग्रेस नेता राहुल गांधी को अब संसद के सदस्य से भी हटाया गया है। जिसके बाद से सभी विपक्षी इस वक्त एक साथ आ गए और सरकार के खिलाफ हमला शुरु कर दिया।