Kushinagar: 1 फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद मे आम बजट के साथ साथ रेल बजट भी पेश किया था। इस बजट में कुशीनगर जनपद के लिए रेलवे की कई योजनाओं के लिए बजट मे स्थान दिया गया था। संसद में प्रस्तुत बजट में कुशीनगर को रेल लाइन से जोड़ने की घोषणा के बाद क्षेत्रवासियों में खुशी की लहर दौड़ गयी है । 64 किलोमीटर लंबी इस रेललाइन के लिये बजट में 10 करोड़ रु०का आवंटन किया गया है जिससे इसका डी पी आर तैयार कर कार्य शुरू किया जा सके ।
भगवान बुद्ध की निर्वाण स्थली को रेलवे से जोड़ने के लिये लोग लंबे समय से मांग करते चले आ रहे है बजट में घोषणा के बाद लोगो के उम्मीद को पंख लग गये है । कुशीनगर के रेललाइन से जुड़ जाने से जहाँ लाखो लोगो को यातायात का सुगम जरिया सुलभ हो जायेगा वही पर्यटन पर भी इसका सीधा असर पड़ेगा |
जानकारी के लिए बता दें कि कुशीनगर भगवान बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली होने के साथ साथ एक अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल के रूप में भी विश्वविख्यात है । कुशीनगर में लाखों की संख्या में देशी विदेशी पर्यटक प्रतिवर्ष आते हैं। जनपद में पहुँचने का एक मात्र जरिया सड़क मार्ग ही है जिसमे पर्यटको को आर्थिक नुकसान के साथ साथ समय की भी बर्बादी होती है । यातायात के बेहतर साधन ना उपलब्ध होने के कारण बहुत सारे पर्यटक वाराणसी ,बोधगया,और लुम्बनी से वापस चले जाते है जिसका नुकसान कुशीनगर को उठाना पड़ता है ।
वहीं आपको बता दे कि गोरखपुर के सरदार नगर स्थित सरैया चीनी मिल की छोटी रेल लाइन कुशीनगर के हेतिमपुर तक बिछी हुई है । वर्ष 1998 तक इस रेललाइन के जरिये कुशीनगर का गन्ना सरदार नगर जाता था। चीनी मिल के बंद हो जाने से यह यह छोटी रेललाइन और इसके स्टेशन की जमीन अनुपयोगी पड़ी हुई है । हेतिमपुर से कुशीनगर के मध्य महज 6 किमी का फासला है जिसके लिये जमीन का अधिग्रहण करना पड़ेगा जिसके सर्वे का काम 3-4 साल पहले ही हो चुका है ।
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